Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Apr 2024 · 1 min read

कुछ शब्द

आपने दो शब्द में ही बयां कर दी दुनिया का राज,
अच्छा है इसी बहाने आज आईना तो देखा हमने..

टहल रहा था समंदर किनारे में हंसता हुआ,
आंखों में आंसू आ गए गम समंदर का देखकर…

खुद ही ढूंढना पड़ता है नदियों को रास्ता अपना,
पहाड़ों को काटने वहां मजदूर नहीं जाते…

समंदर की लहरें थम जाती हैं किनारे पर आकर,
प्यासा अक्सर मर जाता है समंदर के करीब जाकर..

रोक नहीं पाओगे तुम हमें वीरान सड़कों पर भी,
हमने पत्थर से पानी बनने का सफर तय किया है…

यूं तो महफिलों में भी बताते थे अच्छाइयां हमारी,
अकेले में मिले तो खामियां गिनाने लगे..

ठहर जा समंदर कुछ वक्त के लिए,
मैं कश्ती लेकर फिर से उतरा हूं…

• विवेक शाश्वत

151 Views

You may also like these posts

कुर्बानी!
कुर्बानी!
Prabhudayal Raniwal
गिरगिट सी दुनिया
गिरगिट सी दुनिया
Sonu sugandh
आपका इंतज़ार
आपका इंतज़ार
Dr fauzia Naseem shad
चचहरा
चचहरा
कुमार अविनाश 'केसर'
कविता
कविता
Nmita Sharma
मानवता का मुखड़ा
मानवता का मुखड़ा
Seema Garg
"पहरा"
Dr. Kishan tandon kranti
स्त्री बाकी है
स्त्री बाकी है
Arun Prasad
******* प्रेम और दोस्ती *******
******* प्रेम और दोस्ती *******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कविता
कविता
Rambali Mishra
तुम बिखेरो मुझे जी भरकर,
तुम बिखेरो मुझे जी भरकर,
लक्ष्मी सिंह
"सत्य"
Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे
इश्क तो कर लिया कर न पाया अटल
इश्क तो कर लिया कर न पाया अटल
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
आज, तोला चउबीस साल होगे...
आज, तोला चउबीस साल होगे...
TAMANNA BILASPURI
मोलभाव
मोलभाव
Dr. Pradeep Kumar Sharma
संवेदना
संवेदना
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
इस शहर में
इस शहर में
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
सब्र की मत छोड़ना पतवार।
सब्र की मत छोड़ना पतवार।
Anil Mishra Prahari
तुम आओगे इक दिन इसी उम्मीद में हम दर को देखते हैं,
तुम आओगे इक दिन इसी उम्मीद में हम दर को देखते हैं,
Jyoti Roshni
गौर किया जब तक
गौर किया जब तक
Koमल कुmari
42...Mutdaarik musamman saalim
42...Mutdaarik musamman saalim
sushil yadav
काव्य
काव्य
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
#रे मन तेरी मेरी प्रीत
#रे मन तेरी मेरी प्रीत
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
👍👍
👍👍
*प्रणय*
दीपावली की असीम शुभकामनाओं सहित अर्ज किया है ------
दीपावली की असीम शुभकामनाओं सहित अर्ज किया है ------
सिद्धार्थ गोरखपुरी
जो बातें कही नहीं जातीं , बो बातें कहीं नहीं जातीं।
जो बातें कही नहीं जातीं , बो बातें कहीं नहीं जातीं।
Kuldeep mishra (KD)
रही प्रतीक्षारत यशोधरा
रही प्रतीक्षारत यशोधरा
Shweta Soni
उम्मीदें और रिश्ते
उम्मीदें और रिश्ते
पूर्वार्थ
3366.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3366.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
दोहा पंचक. . . . . गर्मी
दोहा पंचक. . . . . गर्मी
sushil sarna
Loading...