कुछ शब्दों में कैसे लिख दूं मजा मेरे गांव का….
चिड़ियां की चहक, मिट्टी की महक,
नीला अम्बर,नीली नदिया,
जम के नाचे खेतों की बगिया,
गर्मी का मोसम,पीपल की छाव का,
कुछ शब्दों में कैसे लिख दूं मजा मेरे गांव का….
सब मिल रहते साथ यहां,
ना धर्म जात पर दंगे है,
मुस्लिम लेते राम नाम,
और हिंदू अल्लाह के बंदे है,
कोयल की मीठी बोली या कव्वे की कांव-कांव का
कुछ शब्दों में कैसे लिख दूं मजा मेरे गांव का….
© नारायण दोगाया