कुछ लोग
बडी आसानी से कह दिया कि
गलती तुम्हारी थी
हां गलती तो मेरी ही थी
कुछ नहीं ढेर सारी
जो चाहा था पाना तुमसे
झूठ तुम्हारा,
अफ़सोस तो इस बात का है कि
दर्जा ना दिला सका इस झूठ को, झूठ का
खैर कोई बात नहीं
अगर कभी भी लगे
सच… तुम्हे झूठ मेरा
मान लेना तब बात मेरी
सभी लोग पाने के लिये नहीं होते
कुछ लोग बनाये जाते हैं
खोने के लिये भी……