कुछ रिश्ते होते है….!!
**कुछ रिश्ते होते है….
जिन्हे जरुरत नहीं होती,
दुनिया की रिवायतों से सींचने की……. !!
मिलना -जुलना, हाथ मिलाना,
उठना – बैठना, खाना -खिलाना….,
जरुरत नहीं होती कुछ रिश्तो को,
परंपराओ के घेरे मे भींचने की…… !!
कुछ रिश्ते बस यूँ ही पनप जाते है,
हवा मे कही दूर से आये बीज की तरह,
जरुरत नहीं जिन्हे साज-सम्हाल के रखने की….. !!
कुछ रिश्ते बस यूँ ही जुड़ जाते है,
देते है जो बिना कुछ लिए ही,
फल, खुश्बू और सुकून भरी छाया…… !!**
❤ रिश्ते ❤