कुछ यादें कुछ बातें
कुछ यादें कुछ बातें,
साथ मेरे रहती ।
समय गुजर जाता,
वे संग संग चलती ।।
हर्ष हो या विषाद हो,
हो पथ पर चाहे जंग ।
सुनहरी होती यादें,
जब साथी हो संग ।।
बन जाते सब अपने,
जब सच्चा हो स्नेह ।
मन होता प्रफुल्लित,
मिट जाता सब संदेह ।।
वर्ष आते , वर्ष जाते,
कुछ मिलते कुछ बिछुड़ते ।
जुड़ जाती है यादें,
गहरे होते रिश्ते ।।
मन बहुत तरसता,
करने को बचपना ।
खो गए वो दिन प्यारे,
छूट गए साथी सजना ।।
उन्नति की राह पर,
चलते चलते खो गए ।
हर्ष है नव वर्ष है,
लौरी कौन सुनाए ।।
करते करते चिंता,
पहुँच गए मझधार ।
रिश्तों के ताने बाने,
सुलझाते हुए लाचार ।।
जो नींव थी विचारों की,
पत्थर बने थे यार ।
जो खड़ा सुंदर महल,
वो मित्रो का प्यार ।।
बिन मित्र सूना संसार ,
लगता जैसे हो वीरान ।
इसलिए रखो मित्र साथ,
यही जग का आह्वान ।।
वो दिन बन जाता,
मेरा नूतन वर्ष ।
जब बचपन के मित्र,
मिलते लेकर हर्ष ।।
।।जेपीएल।।