Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Jun 2023 · 1 min read

कुछ भी नहीं मुकम्मल है

ये बातें नहीं अनर्गल है
आज तेरा तो मेरा कल है
आनी-जानी दुनिया में
कुछ भी नहीं मुकम्मल है.

कभी शह तो कभी मात
मंजर बदलता पल-पल है
आनी-जानी दुनिया में
कुछ भी नहीं मुकम्मल है.

कभी हवाएँ थम सी- जाती
पल में हो जाती चंचल है
आनी-जानी दुनिया में
कुछ भी नहीं मुकम्मल है.

कभी समस्यायें लगती कठीन है
पल में लगती बहुत सरल है
आनी-जानी दुनिया में
कुछ भी नहीं मुकम्मल है.

सब छोड़ यही पर जाना है
फिर पूछता”विशाल”करता कोई क्यों छल है
आनी-जानी दुनिया में
कुछ भी नहीं मुकम्मल है.

247 Views
Books from Rajiv Vishal (Rohtasi)
View all

You may also like these posts

3850.💐 *पूर्णिका* 💐
3850.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
जुदा होते हैं लोग ऐसे भी
जुदा होते हैं लोग ऐसे भी
Dr fauzia Naseem shad
करें नही अस्तित्व का,
करें नही अस्तित्व का,
RAMESH SHARMA
दिल
दिल
Dr Archana Gupta
नाथ मुझे अपनाइए,तुम ही प्राण आधार
नाथ मुझे अपनाइए,तुम ही प्राण आधार
कृष्णकांत गुर्जर
दारू से का फायदा
दारू से का फायदा
आकाश महेशपुरी
यदि मेरी चाहत पे हकीकत का, इतना ही असर होता
यदि मेरी चाहत पे हकीकत का, इतना ही असर होता
Keshav kishor Kumar
- तुम ही मेरे जीने की वजह -
- तुम ही मेरे जीने की वजह -
bharat gehlot
प्रेम - एक लेख
प्रेम - एक लेख
बदनाम बनारसी
बिन अनुभव कैसा विश्वास
बिन अनुभव कैसा विश्वास
Mahender Singh
खोज सत्य की
खोज सत्य की
Dr MusafiR BaithA
#मुझे ले चलो
#मुझे ले चलो
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
रात भर नींद भी नहीं आई
रात भर नींद भी नहीं आई
Shweta Soni
कुछ पल अपने लिए
कुछ पल अपने लिए
Mukesh Kumar Sonkar
*भरत राम के पद अनुरागी (चौपाइयॉं)*
*भरत राम के पद अनुरागी (चौपाइयॉं)*
Ravi Prakash
पाँच मिनट - कहानी
पाँच मिनट - कहानी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
राम राम जी
राम राम जी
Shutisha Rajput
मौन
मौन
निकेश कुमार ठाकुर
सौतेली माँ
सौतेली माँ
Sudhir srivastava
टूटे पैमाने ......
टूटे पैमाने ......
sushil sarna
खरगोश
खरगोश
SHAMA PARVEEN
"छोटे से गमले में हैं संभलें पौधे ll
पूर्वार्थ
हम दर्पण भी दिखलाते हैं
हम दर्पण भी दिखलाते हैं
श्रीकृष्ण शुक्ल
***क्या है उनकी मजबूरियाँ***
***क्या है उनकी मजबूरियाँ***
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मन खग
मन खग
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
ये जीवन एक तमाशा है
ये जीवन एक तमाशा है
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
.......शेखर सिंह
.......शेखर सिंह
शेखर सिंह
विरह की वेदना
विरह की वेदना
Kirtika Namdev
‘स्त्री’
‘स्त्री’
Vivek Mishra
विषय:तोड़ो बेड़ियाँ।
विषय:तोड़ो बेड़ियाँ।
Priya princess panwar
Loading...