Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Jan 2022 · 2 min read

कुछ बात तो की होती।

मेरे प्रिय मित्र पिंकू वर्मा की अचानक रोड एक्सीडेंट में हुई बेवक्त मौत पर भाभी जी की हृदय व्यथा।

तुम ऐसे बिन बतायें क्यों चल दिए हो।
कुछ बात तो की होती,
कुछ हमसे कहाँ तो होता,
ऐसी भी क्या बेरुखी थी जो अचानक यूँ चल दिए हो।

अभी दिन में ही तो बात हुई थी…
फ़ोन पर तब तुम अच्छे भले बोल रहे थे !!
हमारी जिंदगी के बारें में हमसे…
कितना कुछ कह रहे थे !!

बेटा जो प्रश्न करेगा तो उसको क्या उत्तर मैं दूंगी।।
आपके बिन मैं दुनियां में कैसे जीवन व्यतीत करूँगी।।

सब अपनों से लड़ झगड़ कर…
तेरे प्रेम में आयी थी।
तूने भी संग मेरे इस रिश्ते की…
सदा ही लाज बचाई थी।

पुत्र मेरा अब किसके संग बाज़ार को जाएगा।।
अब जीवन में किसको वह अपनी जिद दिखायेगा।।

ईश्वर आपको भी…
जाने क्यों दया ना आई है।।
जो आपने मेरी कच्ची गृहस्ती में…
यह आग लगाई है।।

ना जानें कितने ही स्वप्न देखे थे हम दोनों ने संग मिलकर !!
कितनी जद्दोजहद में लगे रहते थे तुम इनको लेकर
दिन भर !!

एक ही तो पुत्र था…
जीवन की बगिया में हमारा तुम्हारा।।
उसके बारें में भी…
ना सोचा जो तुमने कर दिया उसको यूँ बेसहारा।।

तेरी प्रत्येक बात हमको बहुत ही सताएगी।।
तेरे संग बीते पलों की याद बहुत ही आएगी।।

वो तेरा हमको यूँ…
इतना टूटकर चाहना !!

मेरे रूठने पर वो…
तेरा हमको मनाना!!

कितना कुछ तो दे दिया है…
तुमने हमको सोचने के लिए।।
जानें क्यों इतनी जल्दी पड़ी थी…
तुमको यूँ मरने के लिए।।

चिता की अग्नि ने तुम्हें जब जलाया होगा,
कितना दर्द सिमट कर तुम्हारे हिस्से यूँ आया होगा।।
आह तो निकली होगी तेरे मुँह से दर्द की,
पर तूने उठकर ना किसी को यह सब बताया होगा।।

अब हम कर भी क्या सकते है…
इक रोने के सिवा।।
तुम्हारे लगाए एक पौधे को…
जीवन मे सींचने के सिवा।।

अब उसमें ही तुम्हारा अक्स में देख लिया करूँगी।।
देख देख कर उसको ही ये नीरस जीवन जी लिया करूँगी।।

ताज मोहम्मद
लखनऊ

Language: Hindi
353 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Taj Mohammad
View all
You may also like:
*व्याख्यान : मोदी जी के 20 वर्ष*
*व्याख्यान : मोदी जी के 20 वर्ष*
Ravi Prakash
भारत की होगी दुनिया में, फिर से जय जय कार
भारत की होगी दुनिया में, फिर से जय जय कार
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
दिनकर शांत हो
दिनकर शांत हो
भरत कुमार सोलंकी
■ एक सैद्धांतिक सच। ना मानें तो आज के स्वप्न की भाषा समझें।
■ एक सैद्धांतिक सच। ना मानें तो आज के स्वप्न की भाषा समझें।
*प्रणय प्रभात*
हैं सितारे डरे-डरे फिर से - संदीप ठाकुर
हैं सितारे डरे-डरे फिर से - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
इन हवाओं को महफूज़ रखना, यूं नाराज़ रहती है,
इन हवाओं को महफूज़ रखना, यूं नाराज़ रहती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
प्रेमियों के भरोसे ज़िन्दगी नही चला करती मित्र...
प्रेमियों के भरोसे ज़िन्दगी नही चला करती मित्र...
पूर्वार्थ
प्रेम की राह।
प्रेम की राह।
लक्ष्मी सिंह
शुभ दिन सब मंगल रहे प्रभु का हो वरदान।
शुभ दिन सब मंगल रहे प्रभु का हो वरदान।
सत्य कुमार प्रेमी
हे मात भवानी...
हे मात भवानी...
डॉ.सीमा अग्रवाल
चलता ही रहा
चलता ही रहा
हिमांशु Kulshrestha
नसीब तो ऐसा है मेरा
नसीब तो ऐसा है मेरा
gurudeenverma198
बन रहा भव्य मंदिर कौशल में राम लला भी आयेंगे।
बन रहा भव्य मंदिर कौशल में राम लला भी आयेंगे।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
लाल बचा लो इसे जरा👏
लाल बचा लो इसे जरा👏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
नजराना
नजराना
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
राम आएंगे
राम आएंगे
Neeraj Agarwal
दहलीज़ पराई हो गई जब से बिदाई हो गई
दहलीज़ पराई हो गई जब से बिदाई हो गई
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
प्यारी सी चिड़िया
प्यारी सी चिड़िया
Dr. Mulla Adam Ali
माना जीवन लघु बहुत,
माना जीवन लघु बहुत,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
* सुखम् दुखम *
* सुखम् दुखम *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
हज़ारों साल
हज़ारों साल
abhishek rajak
"बहनों के संग बीता बचपन"
Ekta chitrangini
फागुन में.....
फागुन में.....
Awadhesh Kumar Singh
प्रभु राम नाम का अवलंब
प्रभु राम नाम का अवलंब
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
23/168.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/168.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"Guidance of Mother Nature"
Manisha Manjari
हिन्दी पर विचार
हिन्दी पर विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
डर लगता है
डर लगता है
Dr.Pratibha Prakash
*तिरंगा मेरे  देश की है शान दोस्तों*
*तिरंगा मेरे देश की है शान दोस्तों*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
शोख लड़की
शोख लड़की
Ghanshyam Poddar
Loading...