कुछ फैसले दिल के
“इतना सुहाना मौसम और ये पहाड़ के बीच घिरा हुआ काटेज काश,तुम मेरे साथ होते तो बात ही कुछ और थी …”
सोचते हुए आसका ने बेंच पर से अपना पर्स उठाया और धीरे धीरे ढलान पर चलती हूई वापिस काटेज की और चल दी।थोड़े पिक्चर्स लिये मोबाईल में ।कॉलेज की छुट्टियों में बुआ के घर रहने आयी थी और उसका प्यार यानि के हरवित को पल पल याद किये जा रही थी ।अब पापा मम्मी को तो ना बोल नहीं सकती और यहाँ बुआ की लड़की की शादी भी तैय हुई थी ,तो सोचा ,थोड़े दिन साथ रहे लूँ ,फिर तो ससुराल में होगी तो कब मुलाकात होगी? ऐसे ही वॉक पर निकल गयी थी ।शाम बस ढलने ही वाली थी और कोहरा छाने लगा था, इतने मे मोबाईल की रिंग सुनकर चौक गयी, सामने से हरवीत की मस्तीभरी आवाज़ सुनकर खुश हो गयी।उसका फ़ाइनल रिजल्ट आ चुका था। आगे के एड्मिशन की भागदौड़ में था तो जल्दी बातें की और गुड़ नाइट कहते हूए आसका बंगले के स्टेप्स चढ़ रही थी की, किसी से टकराते बच गयी .
“ओह ,आई एम सोरी”,
सामने एक यंग ,लंबा ,भूरी आँखोंवाला लड़का उस के हाथ से प्लास्टिक की शॉपिंग बैग गिर गई थी वो उठाकर दे रहा था ,
“थेंक यूँ सो मच”
पार्किंग में से उसका कज़िन चाबी घूमाता हुँआ आया ,
“ओह आसका, कहाँ अकेली घूमती रहती हो ? मेरे सब फ्रेन्ड्स १५ डेज यहाँ रहने वाले है और अभी सबने मिलकर खूब नास्ता किया और नज़दीक में जो लेइक है वहाँ चांदनी रात में सब बैठकर गप्पें लड़ाएंगे,तुम जल्दी से खाना खाकर तैयार हो जाओ वेल, में तुम्हें इंट्रोड्यूस करवाता हूँ ,ये क्रूईश है और स्कॉटलैंड से आया है मेरे साथ लन्दन में पढ़ता था ”
“नाइस टू मिट यूँ ” कहकर आसका ने उसे देखा और तुरंत नज़र घुमाकर,
“ठीक हे भैया ओह सोरी ब्रो…मै अभी तैयार होकर आती हूँ”
और दोनों हँसने लगे ,तो… क्रुइश थोडा कन्फ्यूज़ हुआ, लेकिन माइल्ड स्माइल दी और उसका कज़िन उसे हँसकर जोक समज़ाने लगा।आसका हँसती हुईं रूम मे चली गयी ।वहाँ देखती है तो दो तीन और लड़कियाँ भी दिल्ली से आयी हुई थी ।सबसे पहचान की और सब मिलकर थोड़ी देर में लेईक पर पहुँच गए। सबने अपना इंन्ट्रोड्योक्शन देते हुए गीत डायलॉग या शायरी वगैरह सुनाई .।हरी हरी घास पर बैठकर ,बीचमें फायर और सामने बैठा हुआ क्रूईश बार बार उसे देखे जा रहा था। और वो …नज़रे घुमाकर दूसरी ही बातें करने लगती थी।थोड़ी देर के बाद सब आइसक्रीम वगैरह खा रहे थे तो आसका उठकर पास की रेलिंग के पास जाकर खड़ी रही ।थोडी देर बाद क्रुइश उसके नज़दीक आकर ,
“हाय, हाउ आर यूँ ?वेरी प्लेजेंट मून एन्ड ध मोस्ट ब्यूटीफुल यूँ “आसका ने जरा सी स्माइल देकर थेंक्स कहा,
“यूँ लाइक इंडिया? फर्स्ट टाइम हियर?”
“नो,धिस इस माय ४th विजिट टू इंडिया,वन ऑफ़ माय कज़िन जॉइंट ईन सम मल्टीनेशनल कंपनी एन्ड स्प्रिच्युअल आश्रम ,आई विजिटेड फॉर टू टाइम्स. आई ऍम स्टूडेंट ऑफ़ वर्ल्ड सोशीयल कल्चर सो गोइंग टू इंडियन विलेजिस”
“ओह,धेट्स नाइस”
दोनों बात कर रहे थे की आसका के कज़िन की आवाज़ आयी ,
“लेटस गो टू होम अगेइन ”
वापस घर आकर सब बातें करते हुए देर के बाद अपने रूम मे गुड़नाइट कहते हुए गए और आसमा देर तक अपनी कज़िन से उसकी और अपनी बात करती रही ।
“आसका ,अब अगले साल तू भी जो तेरे हरमीत नाम के फ्रेंड के साथ पक्का कर ले .घर पे आंटी अंकल को बात की या नहीं ?की मैं बताउ ?”
“नहीं, अभी तो हरमीत शायद लन्दन पढ़ने जाएगा और आगे क्या सोचा है पता नहीं ,सोचती हु थोड़ी आगे पढ़ाई करलूँ .”
“ये भी ठीक है ,मैंने भी अपना बुटीक सेटल कर लिया पढाइ के बाद और अब ससुराल जाकर थोडे समय बाद वहीं घर से काम शुरू कर दूंगी ”
“लेकिन मेरी पढाई तो सोशिअल स्टडीज की है तो शायद में एज़ अ लेक्चरर अपने शहर में ही जॉइंट कर लूंगी ”
“हां ,यही ठीक है काम शुरू तो कर ही देने का बाद मे जैसे ज़िन्दगी अपनी राह पर बुलाले वहीँ अपनी नयी दुनिया बसा लेना” ,
“आसका ने एक गहरी सांस ली और आँखे मींचे,”आह….देखते है आगे…अभी हरमीत का व्हॉट्सएप मेसेज आया के उसका अगले महीने लन्दन जाना फ़िक्स हो गया वहां उसके अंकल भी है तो वही रहे लेगा”
“क्यों? कुछ टेंसन लग रहा है? उसके बगैर तो पढ़ने में भी मन नही लगेगा लेकिन डियर ,आँखों में ये आंसू….ऐसे कैसे चलेगा? स्ट्रांग बनो”
” तू तो सेटल हो गयी है,लेकिन मेरी हालत तूजे नहीं पता.”
“अरे,मै भी तो नयी जगा ,नये लोगो के साथ जाकर अपनी ज़िंदगी के नए अनुभव के साथ जूझती रहूंगी”
“चल फिर ,अच्छे अच्छे ड्रीम्स देखते हुऐ सो जाते है”,कहकर दोनों हँस पड़ी।दीन हँसते -हँसाते गुज़र रहे थे। शादी के बाद बिदाई समय सारा माहौल देख इमोशन होकर क्रूईश भी रो पड़ा।दूसरे दिन लंच के टाइम सब उसकी खिंचाई करने लगे और वो आधा समजा और आधा नही लेकिन बाद में आसका को उदास देख काफी सवाल पूछने लगा।आसका को दूसरे दिन जाना था ।क्रूईश के साथ काफी देर तक बाते करते गार्डन में बैठी रही।दो दिन के बाद क्रूईश भी अपनी स्टडी के लिये वहीँ से कोईं ओर जगा जानेवाला था।आसका ने जाते समय बाय कहा तो क्रूईश ने अपना हाथ बढाते हुए विश किया और अपने फेसबूक पेज पर जुड़ने के लिये कहा,
“आसका,मुजे इंडियन कल्चर के बारे में टिप्स देते रहेना”
“स्योर, “और कार में बैठ गयी।खूब मिलनसार और भावुक एक दोस्त को वापस एकबार मुड़कर बाय किया।कार मे जाते समय क्रूईश की बातें याद करके अकेली ही हँस पड़ी।घर पहोंचते ही जल्दी से हरमीत को मिलने निकल गई ।.हरमीत अपने कमरे में किसी से मोबाईल पर बातें कर रहा था,
“ओह आसका ,दो मिनिट जरा लन्दन बात हो रही है ”
एक मिनिट के लिये उसकी और बढ़ रहे आसका के पैर रुक गए। लेकिन फिर स्माइल देती हुई नज़दीक पहूँच गई ,
“पहले मुझसे बात करो,कितने दिनों में मिले हो”
“एस्कयूज़मी “कहते हुए हरमीत वापस मोबाईल से बाते करने लगा।आस्का का दिल एकदम से भर आया था ।अपने दिल पर काबू रखते हुए पास मे रखी हूई फ़ाइल देखने लगी ।मोबाईल पर बाते खत्म होते ही आसका की ओर घूमते हुए एकदम से अपने एड्मिशन और वहां की यूनिवर्सिटी वगैराह बातें करने लगा ।उसके चहेरे पर इस तरहा उन्माद छाया हुआ था की आसका चुप रहकर बाते सुनती रही ।वहाँ से आये हुए फोटोज वगेराह दीखाने लगा आसका को चुप देख हरमीत बोलते हुए रुक गया ,
“कहो ना …रुक क्यों गए ?ओर क्या क्या वहां जाकर सपने सजाये है ?….मेरे बगैर ..”,
आसका की आवाज़ रुआंसी सी हो गई। हरमीत थोड़ी देर सर झुकाएं बैठा रहा और हवा मे चुपकी छायी रही ।लहराती हवा से उड़ते हुए पर्दो को देखती हुई आसका सोचती रही। ,ये हवा साथ में मेरी खुशी भी उड़ाए लिए जा रही है ,फिर एक गहरी सांस लिये,
“चलो आज मेरी तरफ से कही डिनर लेने जाते है ,एक महीना ही तो रहा है फिर तो तुम और बिज़ी हो जाओगे.”
“क्यों ऐसे उखड़ी उखड़ी सी बातेकर रही हो?”
“नहीं ऐसा नहीं बस तुमसे इतना दूर रहना कभी सोचा नहीं था ,एक आदत सी हो गयी है हर एक बात में,हर एक पल में तुम्हे महसूस करने की..तुम से मिलने के बाद पहेली बार १५ दिनों के लिए कज़िन की शादी में इते दिन दूर जाना हुआँ …सोचा न था तुम्हारा जाना इतना जल्दी हो जाएगा ”
“अब क्या करे इतना ब्राइट फ्यूचर बन रहा है तो कोई और क्यों सोचे ?”
“क्यों यहाँ की यूनिवर्सिटी में भी तो एड्मिशन हो गया था ,मुझे आंटीजी ने बताया ,वो भी काफी उदास फील कर रही है ”
“अब इन सब बातो का क्या मतलब है ?वहां जाने से क्या हम दूर हो जाएंगे ?”
“दूर तो नहीं हो जाएंगे लेकिन साथ में भी तो नहीं होंगे,”
“ओके चलो डीनर लेकर आते है”
कहते हुए हरमीत अपनी जैकेट पहनने लगा,
“अब इतनी भी तो शर्दी शुरू नहीं हूई है,थोड़ा तो खुली हवा में सांस लो,एकदम विदेशी लगने लगे हो “,
कहते आसका सामने देख मुस्कुरा दी ।डिनर करते हुए काफी बातें डिस्कस करते रहे, लेकिन आसका की उदासी को जिस का इंतज़ार था वो संवेदनाये भी शायद हरमीत के सामान के साथ बंध गई थी।बाकी दिन तैयारी में बीतते जा रहे थे और उस दीन सुबह से आसका के दिल में कुछ टूट- फुट रहा था ।इतना जल्दी में फेमिली को मिल्कर बाते करना सोचा था वो भी …शायद ये सब हरमीत को अब बोरिंग लग रहा था ।कुछ पूछते पूछते चुप हो जाती.फिर भी अपने मन को मनाती ये सोच रही, शायद लड़को की प्रकृति में ही ये रहा है की वो सेल्फसेंटर ही सोचता है और उसका कॅरियर ओरिएंटेड होना भी लाज़मी है।
जाते हुए आँसुओ के दरिया मे डूबी हुई आँखों से उसे सी ऑफ़ किया ।
घर आकर ऐसे ही सोचती रही और नींद लग गयी।थोड़े दिन तो इतने भारी भारी गुज़रे । फिर पढ़ाई और फ्रेंड्स के साथ मन लगाकर यादों के लम्हें बिताती रहती।पप्पा मम्मी उसकी उदासी समज रहे थे ।हरमीत मेसेज करता रहता और काफी फ़ोटो भी शेर करता।
एक दिन क्रुइश का मेसेज आया फेसबुक पर की, वो उसके शहर में किसी कल्चरल कॉनफेरेन्स में आ रहा है।ये उसकी फ़ाइनल एक्ज़ाम प्रोजेक्ट का एक पार्ट था।वैसे तो काफी बार उससे बातें होती रहती और उसके फ़ाइनल सबमिशन में भी आस्का ने काफी सुझाव और अपने कलेकशन मेँ से इंडियन कल्चर के फोटोज वगैरह भेजे थे। आस्का ने बहोत भाव से उसे वेलकम का मेसेज किया और उसका चार दिन का शहर मेँ रहना था।उस दिन सुबह जल्दी उठकर एअरपोर्ट पर उसे रिसीव करने निकल रही थी ,तो पापा मम्मी को बताया की एक विदेशी दोस्त जो कज़िन की शादी में मिला था उसे मिलने जा रही हैऔर उस के प्रोग्राम बाद उसे अपने घर पर खाने के लिए इन्वाइट करना चाहती है।
“ठीक है,लेकिन जल्दी घर आ जाना”,
इतना बोलकर पापा चुप हो गये, लेकिन मम्मी ने काफी प्रश्न किये।और आसका सब समजाते हूँए जाने के लिए निकली ।एयरपोर्ट पर क्रुइस से मिलते ही जैसे बरसो की दोस्ती हो वैसे बातें करने लगे और कनवेंसन सेंटर कैफे में बैठकर आगे के प्रोग्राम की बाते करने लगे।क्रुइस ने अचानक से पूछा ,
“तुम तो तुम्हारे बॉयफ्रेंड के बिना बहोत सेड लग रही हो !”,
और एकदम सरप्राईज़ होते हुए आसका ने पूछा ,
“तुम्हे किसने बताया? ”
” योर कज़िन नो सोम्थिंग अबाउट योर डीप फ्रैंडशिप विथ सम फेमिलिअर गाय”
“ओह या, वी आर वेरी बेस्ट फ्रेंड्स एण्ड पासिंग लॉट्स ऑफ़ टाइम टु -गेधर ,डु यू हेव एनी गर्लफ्रेंड?”
“नॉट एक्सेस्ट्ली आई हेव लॉट्स ऑफ़ फ्रेंड्स बट नॉट इमोसनल फीलींग क्रिएट इन माय हार्ट फॉर एनी गर्ल ”
“ओह ,लाइक धेट? आर यूँ रियली बिलीव इन सीरियस रिलेशन?”
“ऑफकोर्स,माय डेड एन्ड मोम रिअली लव इच-अधर एंड स्टे हैपिली.”
“ओह,नाइस”,
और फिर, आसका उसे कन्वेंसन हॉल तक ड्रॉप करके अपनी इंस्टीटयूंट चली गयी। दूसरे दिन शाम को उसे एक भारतीय खाने के रिसोर्ट पर लेकर गयी ।और दोनों एक हिंदी फिल्म देखने गए ।फिल्म के दौरान क्रूईश पूछता गया और आस्का उसे हँसकर समजाती रही । घर जाते हुए क्रुइस ने कार मेँ उसे देखते हुए पूछा ,
“डु यू हेव एनी स्पेशीयल फिलिंग फॉर मी ?” ,
आस्का ने कार थोडी स्लो कर ली और उस की तरफ मुड़कर बोली,
“मुझे तुम्हारी कंपनी बहोत पसंद है.”
“लेकिन मै तो अकेला रात को तुम्हें बहोत मिस करता हूँ .लगता है कुछ कमी है लाइफ में जो तुमसे मिलते ही पूरी हो जाती है ”
“अरे वाह,तुम तो बहोत अच्छी हिंदी भी बोलने लगे हो !”
“या ,मेने तुम्हे बताया था ना फेसबुक चेट पर की ,मै हिंदी सिख रहा हूँ तभी से क्लास ज्वाइन किया था ,वहाँ भी मेरे काफी फ्रेंड्स हो गए है ,तुम्हारे जैसी एक ओर गर्ल भी फ्रेंड बनी है वो कुछ लिटरेचर और पॉएट्री वगैरा लिख रही है,”
“बहोत ब्यूटीफुल है क्या वो ?”
और क्रूईश ज़ोर से हँस पड़ा ”
” आर यूँ जेलस ?”
“नॉट एक्सेक्टली बट ….”
और उसे ड्रोप करते हूँए दूसरे दिन शाम को अपने घर खाने पर इन्वाइट किया ।परसो तो उसे अपने शहर वापस जाना था.रात को वापस दोनों फोन पर पिक्चर के बारे में बाते करते रहे।उतने में मम्मी का फोन आया की हरमीत का दो बार फोन आया था लेकिन तुम्हारा फोन बंध था,फिर आस्का ने बताया की में फिल्म देखने गयी थी तो फोन बंध रखा था।और क्रूईश को गुड़ नाईट करते हूए हरमीत को मेसेज किया लेकिन कोई रिप्लाई नहीं था तो सोने की तैयारी करने लगी।
पता नहीं आज क्यों उसे नींद नहीं आ रही थी ! कुछ अजब सी उलज़न और बेचैनी हो रही थी।शायद उसके सपने कुछ और करवट बदल रहे थे क्रूईश की हँसी और उसकी भूरी भूरी आँखों में उसका अस्तित्व डूबे जा रहा था ।नाजूक से पंखो पर उड़ती हूई जैसे कोई तन्हा सी वादी में फूलो से भरी बाहें उसे अचानक से अपने अंदर समेट रही थी।एकदम से आँख खुल गयी और वापस अपने तकिये से जोर से लिपटकर सो गयी।सुबह उठकर देखती है तो इंस्टिट्यूट से उसका फेकल्टी का जॉब कन्फर्मेशन आया था। हरवीत का मेसेज भी आया हुआ था.अपनी ही बाते लिखते हुए अंत में उसने वही सेटल होने का अपना फैसला बताया था.उतना पढ़कर आस्का को एकदम से मिश्र फिलिंग आ गयी और वो बिना वजह ही रो पड़ी .आईने के सामने देखते हूए एकदम से नज़रे झुक गयी और वापस ऊपर देखते हुए अपने आपसे किये हु कुछ वादे और सवाल आँखों में तैरने लगे.फ्रेश होकर बाहर आयी और मम्मी से हरवीत के बारे मे बताया.मम्मी एक पल के लिए एकदम उदास हो गयी और फिर कहने लगी,
” एक दो दिन मे हम उसके पापा मम्मी से मिलने जानेवाले है अभी तो उसको गए हुए ७- ८ महीने हुए है और उसका मास्टर्स कम्प्लीट होने तक शायद उसके विचार में परिवर्तन भी आये ”
“लेकिन मम्मी,उसके पापा ने भी वहाँ उसके अंकल के पार्टनर के साथ काफी इन्वेस्टमेंट किया है तो मुझे तो लगता है शायद वहाँ का बिज़नेस एम.बी.ए. होने के बाद वही संभालने के लिए रह जाएगा.मम्मी,मुजे तो लगता है हमारी इतनी गहरी दोस्ती को वो लाइटली ले रहा है और शादी के बारे मे कुछ इतनासीरियस नहीं है. मम्मी मै शायद कुछ ज्यादा ही भावनाओ में बहती रहती हूँ .”
“चलो बेटा अब तुम ये सब चिंता करना छोडो,सब ठीक हो जाएगा.अपना नया वर्क जॉइंट करलो, वकत के साथ सब कुछ क्लियर हो जाएगा.”
इंस्टीट्यूट जाते वक्त उसने शाम को क्रुइस के यहाँ घर पर खाने पर आनेवाली बाते भी बतायी ,
“साथमें तेरे ओर फ्रेंड्स को भी बुला लेती ,तेरा नया वर्क भी तो शुरू हो रहा है.”
“हाँ मम्मी,लेकिन क्रूईश ने तो ऐसी बहोत पार्टी अटेंड की होगी ,उसे तो घर का बना हूँआ इंडियन ट्रेडिशनल खाना है”
“ओके बेटा ,तुम्हे जैसे ठीक लगे वैसा करो “पापा ने भी कहा.
इंस्टिट्यूट पर जाते ही सबने विश करते हूए आस्का को वेलकम किया.अपने नए क्लास का लेकचर लेते हुए काफी एनर्जेटिक फील करने लगी.लंचअवर में क्रूईश का बधाई देता फोन भी आ गया .हरवीत को भी अपना इंस्टिट्यूट में फेकल्टी जॉइंट करने का मेसेज भी कर दिया .शाम को क्रूईश घर आया और सब से घुलमिलकर बाते करने लगा.खाना भी बहुत पसंद आया.गार्डन में बैठे हुए दोनों बाते करने लगे.आसका ने सबके साथ मोबाईल पर फोटो लिए और वापस क्रूईश को उसकी होटल पर ड्राप करते हुऐ गुड़नाइट किया.दोनों काफी इमोशनल हो गये ,
“आसका ,तुमसे मिलकर बहोत अच्छा लग रहा है अब तुम भी कभी दिल्ली आओ में भी वही एक गवर्मेंट ऑर्गेनाइज़ेशन के साथ अपना वर्क स्टार्ट कर रहा हूँ.यहाँ से तो हाफ़ अवर की फ़्लाइट है.”,
“स्योर आउंगी थोड़ा वर्क में सेट हो जाऊ, तुम ही यहाँ अपना काम शुरू कर दो ना?”
“अपने पास रख लेना चाहती हो क्या?” ,
कहते हुए क्रूईश मुस्कुराते हूए आस्का की आंखो में देखने लगा. और आस्का शर्माकर साइड पर देखने लगी.कार के पास खड़े हूए दोनों बाते कर रहे थे .क्रूईश ने धीरे से आस्का के हाथ में एक छोटा सा गिफ्ट पैकेट देते हुए कहा,
“मुझे लगता है तुम्हे ये गिफ्ट पसंद आएगा”
“थेंक्स,लेकिन इसकी क्या जरूर है?तुम मिले और हमारे बिच इतनी दोस्ती हो गयी ये बात ही कितनी इम्पोर्टेन्ट है.”
“हाँ, ये तो बहोत ही प्यारी बात है”
“ओके,फिर में घर पहोचती हूँ ”
“गिफ्ट पसंद आयी की नहीं फोन करना,ओके… गुड़नाइट एन्ड होप स्वीट ड्रीम्स अबाउट मी “,
आस्का ने हँसते हूऐ कार स्टार्ट की.अपने बैडरूम मे पहुँचते ही जल्दी से क्रूईश की दी हूई गिफ्ट ओपन की तो अंदर से एकदम क्यूट सा सिल्वर पेंडंट निकला जिस पर आस्का के नाम का इनीशियल a बना हूआ था.उसने जल्दी से फोन लगाया और क्रूईश को थेंक्स कहते हूए तारीफ़ की,
“सुब्हे तो तुम जा रहे हो ,कैसा रहा तुम्हारा कन्वेन्सन का पूरा प्रोग्राम? ”
“बहूत ही इन्फॉर्मेटिव और तुमसे मिलना तो जैसे आसमान में उड़ते हुए अकेले पंखी को जैसे अपने सफर में कोई साथी मिल गया हो वैसा रहा”
“हाँ, सच में ऐसा लग रहा है,अरे मै तुम्हे बताना तो भूल ही गयी की भैया का फोन आया था वो पूछ रहे थे ,’तुम्हारी तो क्रूईश से बहोत दोस्ती हो गयी है ?’ तुमने कुछ कहा है क्या उनसे?”
” हाँ, हम चेटिंग कर रहे थे वो बताया था और तुम मुझे बहूत अच्छी लगती हो ऐसा भी कहा था तभी उसने बताया था की तुम्हारा कोई क्लोज़ फ्रेंड है जिससे शायद तुम्हारी शादी होगी “,
कुछ पलो के लिए दोनों चुप हो गए
“ओह माय गॉड,सबकुछ इतना अनसर्टेन है की क्या कहूँ……”बोलते हुऐ आस्का एकदम से रुआँसी हो गयी.
“आई एम सॉरी ,अब इसके बारे में बात बंध कर देते है ओके? “,
फिर आस्का ने थोड़ी इधर उधर की बाते की और ‘हैप्पी जर्नी ‘विश करते हूए वापस मिलने का वादा किया .ऐसे ही दिन गुज़रते गये और दोनों अपने काम मे व्यस्त होते गये.आस्का अपने रूम में रात को बुक पढ़ रही थी तभी हरवीत का फोन आया.
“हाय ,कैसी हो? बहोत बिज़ी हो गयी? अब तो तुम्हारे मेसेज भी बहूत कम आते है. ?तुम्हारे सब फ्रेंड्स और इंस्टीट्यूट के फोटोज भी देखे”
“बस ऐसे ही ज़रा …”
और सामने से हरवीत वहाँ की सब बाते करने लगा.उसकी आवाज़ में अपने देश के प्रति ही नहीं बल्कि आस्का को लग रहा था की कही न कही वो भी उसके लिए पुरानी हो चूकी है.वहाँ की नयी ऑफिस में उसका केबिन बना था वही से विडिओ कॉलिंग पर सब दिखाते हुए कहा ,
“मै अपना बाकी का एक साल ऑनलाइन एक्ज़ाम देकर ही कंप्लीट करूंगा.उसके अंकल केपार्टनर की लड़की भी साथ में ही काम कर रही थी उस से इंट्रोडस करवाया.काफी बात हूई लेकिन पता नहीं क्यों आस्का को ये सब टूटा -फूटा लग रहा था. जैसे बातों के बिच की दरारें ओर गहरी हो रही थी और प्यार के सारे पल उस गहराई में गिरते जा रहे थे.इंडिया आने की बात पूछने पर ,
“अब वहाँ आकर मै टाइम नहीं बिगाड़ना चाहता.यहाँ पर फास्ट प्रोग्रेस है.तुम्हारे क्या फ्यूचर प्लान्स है?लाइफ़ में कुछ बनने का इरादा है की फिर वही तुम्हारी मम्मी की तरह हाउसवाइफ बनकर….. मेरी मम्मी तो घर के साथ अपना एन.जी.ओ.भी चलाती है.”
“अब हम भी तुम लोगो की तरह थोड़े पैसे जोड़ ले फिर सब करेंगे.यहाँ भी काफी नये नये फील्ड में ओपरच्यूनीटीज़ है”
अब तो आस्का भी स्ट्रॉन्ग बनकर जवाब दे रही थी .फोन खत्म होते ही उसे याद आया ,पहले जब भी हरवीत उसकी हसीं उड़ाता तो वो प्यार की मारी उसे जानकार भी अनजान बन जाती थी.उनकी दोस्ती मम्मी की किटी की वजह से हुई थी और अच्छे फेमिली रिलेशन हो गए थे. काफी क्लासीस भी साथ किये थे.लेकिन अब उसे लग रहा था की उसका इतने करीब आना शायद एक खेल ही था .और वो अपने अंदर उसे समाये जा रही थी.तीन साल पहले होली की पार्टी मे सबने भांग पी थी और उस के फार्म पर सब से चुराए हूए पल, जिस पल मे बेतहासा चूमते हुए हरवीत ने ‘आई लव यु’ कहा था वो पल सारे बेमाने हो गए थे.फिर दूसरे दिन जैसे कुछ हूआ ही नहीवाला रवैया आस्का को समज में नहीं आ रहा था.अपने अंदर उड़ते हूए सरसराते पंछी उसकी रगो मे एक सिरहन छोड़ जाते थे.उस की कभी प्यार और कभी ऐसे ही दोस्तीवाली हरकतों में वो बहती चली जाती.इतना मिलना होता की सब तो क्या खुद वो दो भी उसे प्यार ही समज रहे थे .आस्का उसकी और इतनी खींचती चली जाती थी और उसका समग्र अस्तित्व उसके इर्द गिर्द घूमता रहता.लड़की जो ठहरी ,तो अपनी भावनाओ पर काबू पाना सिख लिया था.पाश्चात्य विचारोंवाला हरवित काफ़ी मॉर्डन बातें करता लेकिन आस्का अपने आपको संभालती हूई आगे बढ़ रही थी .एक दो बार उसने शादी की बात छेड़ी थी लेकिन हरवित ने तो ‘अभी हम खुद बच्चे है ‘कहते हँसकर टाल दिया औरबोला,
“यार तुम सोचती बहोत हो ,देखो तुम्हारी सब फ्रेंड्स कितनी फ्री है और ज़िन्दगी के मज़े ले रही है ,तुम्हारी वो जो फ्रेंड है ना विशा ,उसने तो मेरे फ्रेंड के साथ हमारे फ़ार्म पर पूरा दिन बिताया और सबकुछ किया .मुझे मेरे फ्रेंड ने पूरी कहानी बतायी.”
और आस्का को बाहों मे लेकर समजाता गया.आस्का पूरी उसकी बाहों मे टूटती जाती लेकिन अपने आप को संभालते हुए ,
“ये सब शादी के बाद अच्छा लगता है “कहकर निकल ली थी .कितने दिनो तक हरवीत ने उससे बात तक नहीं की थी .फिर थोड़े समय के बाद माफ़ी मांगते हूए नज़दीक आ गया था .बस ऐसे ही कुछ चलता रहता था की उसका लन्दन जाना हो गया .सारी बातें आस्का के दिलो दिमाग मे पूरी रात घूमती रही.सुब्हे वापस अपने काम में लग गयी.बस रूटीन सी ज़िन्दगी और आस्का ने अपने आपको ज़िन्दगी के सागर की लहेरो पर छोड़ दिया था.शायद कोई तूफानी मोज़े पर उछलकर उसे एक शांत स्थिर नदी की तरह बहना था.वापस क्रूईश का इन्वीटेशन आया था .उसका बर्थ डे आस्का के साथ सेलिब्रेट करना चाहता था.अपने अंदर चल रही कश्मक़श से जूजते हूए उसने क्रूईश को उसके बर्थ -डे पर मिलने आ रही हूँ का मेसेज कर दिया और अपने कज़िन से काफी बाते पूछी उसके बारे मे.वो तो क्रूईश को बहोत साल से जानता था .बहोत अच्छा और रिस्पोन्सिबल लड़का है उसका फेमिली भी बहोत अच्छा है ऐसा जानकार भी आस्का ने सोचा,
‘आखिर है तो वो विदेशी ही ‘.
पापा मम्मी हरवित के घर मिलने जाना चाहते थे तो आस्का ने ना ही बोल दिया ,
“मम्मी ,आप अब वो बात छेड़िये ही मत शायद ना ही आएगी और मेरा मन अब पूरी तरह से टूट चुका है “घर पर पापा- मम्मी से दिल्ली जाने की परमिशन ली और अपनी सहेली को दिल्ली उस के यहाँ ३- ४ दिन रहने आ रही है ऐसा मेसेज किया तो वो खुशी केमारे उछल पड़ी.सुबह फ्लाइट पर वो लेने भी आ गयी.क्रूईश ने अपने नए जॉइंट किये हूए ऑफिस से फोन किया की वो लंच अवर में मिलने आना चाहता है ,लेकिन आस्का ने कहा ,
” कल मिलेंगे आज मेरी सहेली के साथ डिनर और पिक्चर का प्रोग्राम बनाया है और परसो तो तुम बर्थ डे की छूट्टी ले ही रहे हो .पूरा दिन साथ में रहेंगे.कल में दिल्ली सिटि- टूर पर जा रही हूँ ग्रुप में ”
“लेकिन तुम दिल्ली में हो और मैं तुमसे तुरंत नहीं मिलू ये कैसे हो सकता है?देखो, तुम अभी टेक्सी लो और मेरी ओफ़ीस आ जाओ फिर शाम को निकलते वक्त में तुम्हे तुम्हारी फ्रेंड के यहाँ ड्राप कर दूंगा ”
“अ…ओके..ऐसा करते है चलो तुम्हारा वर्कप्लेस भी देख लूँ ”
और उसकी फ्रेंड को ७- ८बजे वापस आ जाती हूँ कहकर टेक्सी पकड़कर फ़टाफ़ट ऑफिस पहूँच गई.क्रूईश ने काफी खुश होकर उसे पुरी ऑफिस दिखाई और वहाँ सबसे इंट्रोडस करवाया.
“ओके,आस्का तुम ज़रा ४५ मिनिट्स लाइब्रेरी में घूम लो फिर मै तुम्हे हमारा एक नया कल्चरल इवेन्ट प्लान कर रहे है वो साइट दिखाने ले जाऊगा.”
बहुत ही बड़ी लाइब्रेरी थी और आस्का तो इतनी रेर किताबो का संग्रह देखकर खो गयी.देश विदेश के काफी लोग वहा अपना रिसर्च वर्क करने आते थे.उसने अपने इंस्टीटयूट को और स्टूडेंट के लिए काफी उपयोगी इनफार्मेशन मोबाईल में स्टोर करली.इतने में क्रूईश का वापस फोन आया और दोनों ने साथ में ओर एक घंटा केम्पस के कैफे में ढेर सारी बाते शेर करते हूऐ बिताया .वहाँ का माहौल इतना वाइब्रंट और प्रोग्रेसिव लग रहा था की आस्का तारीफ़ किये बगैर नहीं रहे सकी.उसे अपने ही देश की इस अमूल्य सम्पति को एक विदेशी के द्वारा उसने जाना ,यह सोचकर अपने आप पर गुस्सा आ रहा था. फिर दोनों इवेंट की साइट देखने निकल पड़े.बहुत ही ज़ोरशोर से तैयारी चल रही थी .वहाँ काफी लोगो से मिलवाया जो अपने फिल्ड के एक्सपर्ट
प्रोफेशनल थे.
“तुम्हारा पोर्टफोलियो भी देखा मैंने,बहोत रिसर्च कर रखी है तुमने” कहते हुए आस्का ने क्रूईश को बधाई दी.
“लगता है इस प्रोग्राम की सक्सेस के बाद तुम्हे काफी एक्सपीरियंस और प्रमोशन मिलेगा .”
“लेटस सी,अभी तो काफी दूर का रास्ता तय करना है, पंदरा दिन ओर है, ये तो अच्छ हुआ की में ६ मंथ आगे से इस में ट्रेईनी के रूप मे जुड़ा था तो वर्क की कंटीन्यूटी अच्छी रही, वरना ओर ज़्यादा महेनत करनी पड़ती.”
“लेकिन तूम तो इतने फ़ास्ट ओर इंटेलिजेंट हो तो कोई दिक्कत नहीं आती,आ एम स्योर”
“थेंक्स फॉर ध कॉम्प्लिमेंट “,
वहाँ काफी टाइम निकल गया और फिर क्रूईश उसे उसकी फ्रेंड के घर अपनी कार में छोड़ने आया ,
“ओके, परसो वापस मिलते है,अगर आज नहीं आती तो ये सब कुछ नहीं देख पाती”
” मुझे मिलने की ख़ुशी नहीं है?”
“ओफ़कोर्स ,तुम्हे मिलने की ख़ुशी तो इस से भी ज्यादा है”,
क्रूईश को उसकी आँखों में झांकते हुए देख आस्का थोड़ी एम्ब्रेस हूई ,फिर हसते हुए बिल्डिंग के अंदर चली गयी. फ्रेंड और उसके फॅमिली के साथ रात को डिनर लेकर फिल्म देखने गये फिर रात में मम्मी पप्पा सबको मेसेज करते सोने की तैयारी कर रही थी.
उसकी आँखों में एक नयी दुनिया तैरने लगी.जैसे एक नया आसमान धीरे धीरे खुलता हुआ उसे अपनी बाहों में समेट रहा था. दूसरे दिन दिल्ही शहर की खूब सैर की और गाइडेड टूर काफी इन्फोर्मटिव रही .बहोत सालो बाद आयी थी तो नए नजरिये और मेच्योरिटी से शहर को देखना रोमांचक रहा.दिल के किसी कोने में टीस के साथ एक छूपी हूई खुशी या कहो की राहत के पल महसूस कर रही थी.लगता था कुछ है जिस के होने से कुछ और नयी हो गयी है.आईने में ज़ुल्फ़े संवारते हूए देखा अपने चहेरे पर सुकून की कई लकीरे झिलमिलाने लगी थी .शायद आँखों में…नया सा एक इन्तेज़ार भी तो भर गया था !क्रूईश को देने के लिए जो गिफ्ट लाई थी उसे संभालकर हेंड़बैग मे रखा औऱ थोड़ा सामान ठीक कर रही थी की हरवीत का मेसेज आया था.पहेले जैसे वो एक- एक पल लिखती थी वो सिलसिला कब का बंद कर दिया था ,क्योंकि सामने से तो बातों मे सिर्फ आत्मश्लाघा ही छलकती थी .वो कब की समज चुकी थी की उसकी अपनी उड़ानों के लिये हरवित की ज़िन्दगी में कोई जगा नहीं थी शायद किसी भी लड़की के लिए नहीं होगी. बस थोड़ी ऊपरी बाते लिखी और फोन बंद कर दिया.जैसे किसी कोलाहल भरे सफर से उतर कर कोई हरियाली वादी में चलती जा रही है ऐसा महसूस करती हुए आँख बंद किये पड़ी रही.इतने में उसकी फ्रेंड रिव्या ने अंदर आकर लाइट ऑन की ,
“ओह सोरी,सो गयी थी क्या ?”
“नहीं, ऐसे ही ज़रा आंख लग गयी ”
“मम्मी कह रही थी कल सुब्हे भी जल्दी जाने का प्रोग्राम बनाया है ?आज मुझे ज़रा ऑफिस में देर हो गयी .नया जॉब है तो थोड़ा बैठकर समज रही थी फिर घर पर रात को वर्क कम्प्लीट करके ले जाउंगी.तेरा आज का दिल्ही -दर्शन कैसा रहा ? आज कुछ नया इंस्पिरेशनल दिखाई दिया हमारे शहर मे की नहीं?”और दोनों हसने लगी.
“तू कल तेरा जो भी फ्रेंड्स के साथ प्रोग्राम है वो कर ले फिर सेटरडे- सन्डे दो दिन हम बराबर घूमेंगे.शॉपिंग और मेरे दो तीन फ्रेंड्स के वहाँ भी जाकर आयेंगे.और ये नया फ्रेंड कोई ख़ास लग रहा है ….”कहकर आस्का के सामने देख मुस्कुरानेलगी.
“हां,बहोत अच्छी दोस्ती हो गयी है हमारी “” कहकर टीवी ऑन कर के बैठ गई .रिव्या समज गयी की आस्का बात करने को थोड़ा ज़िजक रही है फिर सोचा चलो बाद में पूछती हूँ.रात में दोनों काफी देर तक बातें करती रही.स्कुल की पुरानी फ्रेंड थी रिव्या ,काफी समय साथ बिताया था फिर उसके पापा की ट्रांसफर हो गयी थी तो वो लोग दिल्ली चले आये थे.
“क्या कुछ टेन्स खोयी खोयी सी रहती हो आजकल आस्का? हरवीत से ब्रेकअप हो गया है क्या? ”
“कुछ ऐसा ही समजो …अब क्या बताऊ तुम्हें…?”आँखे झुकाये इतना ही बोल पायी,
“अरे ,क्या तुम भी ऐसी डिप्रेसन वाली बातें किया करती हो ?सब जानते तो थे उसका नेचर, लेकिन हमारी उम्र ही तो ऐसी थी और शायद अब भी है की बहते चले जाते है और कभी कभार जिसे मजबूत सहारा समजकर थामे रहते है, वही अपनी जड़ो से ऊखड़कर बहे जाता है और उस वक्त हमें अपने आपको उस सैलाब में खुद तैरते हुए किनारे पहुँचना पड़ता है ”
“सही बात है तुम्हारी लेकिन समय के प्रवाह के साथ बहते बहते अपने आप से भी तो जुज़ना पड़ता है”
“राह में अगर हमें किनारे पहुँचानेवाला कोई सहारा मिल जाय तो उसका हाथ थामने में देर नहीं लगानी चाहीये ,क्योकि वक्त के भंवर का तो क्या पता कहाँ घुमा दे और डूबा भी दे”,
और काफी देर तक रिव्या से लिपटकर बैठी रही और रिव्या उसका हाथ थामे.कितना प्यार और सुकून लग रहा था आस्का को इतनी अच्छी सहेली मिली है और ज़िन्दगी के रास्ते पर ये नयी उम्मीदे ,अपनी बाहें फैलाये उसके इंतज़ार में खड़ी थी .अपने आसपास सब के प्यारे से चहेरे उसे जैसे नींद की आगोश में हौले से लिए जा रहे थे .सुब्हे जल्दी उठकर पहले फोन से क्रूईश को बर्थड़े विश किया.ब्रेकफास्ट लेकर दोनों साथ ही बहार जाने निकली और बाहर क्रूईश उसे लेने के लिए खड़ा था. उसे विश करते हुऐ बुके दिया और रिव्या से इंट्रोडयूँस करवाया फिर “बाय” कहकर निकल लिये.थोड़ा आगे जाते हुऐ ,
“आस्का ,आज तुम्हें बहोत ही खूबसूरत जगा पर ले जा रहा हूँ ,बहाई टेम्पल का नाम तो तुमने सूना होगा .”
“एक्सेलेंट, मैंने उसके बारे में पढ़ा है और यू- ट्यूब पर विडिओ भी देखे हुए है.रियली बहोत अच्छा प्रोग्राम बनाया है,कल की मेरी सिटी टूर में न्यू डेवलोपमेन्ट के गुड़गांव और नोएड़ा वग़ैरा एरिया देखा और बिरला टेम्पल गए थे,
वहाँ पहुंचकर एक शांति भरे प्राथना हॉल में साथ बैठकर थोड़ा समय बिताया और आस्का ने उसे छोटा सा संगेमरमर का ताजमहल गिफ्ट दिया.
“थेंक्स,इस खूबसूरत लम्हें को दिल में बसा लिया है अब एक प्यारी सेल्फी भी इस ताजमहल के साथ ली जाये”,
बाहर निकलते समय क्रूईश ने,अपना हाथ बढ़ाते हूए पूछा ,
“अब सीधे अपने घर ही चले?…. वही कुछ खाना आर्डर का लेंगे ”
आस्का क्रूईश के बढे हुए हाथ को दो पल देखती रही ….और आगे बढ़कर मजबूती से उसका हाथ थामे कार की और चल दिए .
वक्त ने कुछ पूछा था और दिल ने कुछ तैय कर लिया था.
– मनीषा जोबन देसाई