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30 Jun 2019 · 1 min read

कुछ पल थे

राही बनकर आए खुशियों के कुछ पल थे।
वापस लौट गए वो जो आए कुछ पल थे।।
मुसाफिर थे वो अब कहां रुकने वाले थे।
इंतजार बहुत रहा मगर रुके कुछ पल थे।।

सागर

Language: Hindi
1 Like · 345 Views
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