Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Aug 2021 · 1 min read

*कुछ नहीं कहना*

अब मुझे किसी से कुछ नहीं कहना
तन्हाइयों से मुलाक़ात है अब करना
जहां खत्म हो जायें लफ्ज़ औरों के
समंदर बन जाना है दरिया ना बनना

किसी से अब मुझे कुछ नहीं कहना है
अपने आप में मगन अब मुझे रहना है
वक्त का पहिया हर पल घूमता ही रहेगा
इस व्यस्तता भरी जिंदगी में रंग भरना है

वो वक्त के जैसे हैं पल-पल में बदलते हैं
हम गहरे समंदर हैं पल-पल में बढ़ते हैं
एक बात कहूं उनसे मगर मानें ना मेरी
वह हैं मगरूरी में पल-पल में बिगड़ते हैं

छिपाकर रखता हूं मैं अपने ज़ख्म जमाने से
मेरी जां छिपाकर रखती है नमक जमाने से
मुसाफ़िर हूं यारों सुलगते दिलों को जीतना है
वो ख़ुद सुनेंगे मुझे किसी ना किसी फसाने से

© Abhishek Shrivastava “Shivaji”
@Shrivastava_alfazz

Language: Hindi
3 Likes · 453 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कोतवाली
कोतवाली
Dr. Pradeep Kumar Sharma
अफसोस मेरे दिल पे ये रहेगा उम्र भर ।
अफसोस मेरे दिल पे ये रहेगा उम्र भर ।
Phool gufran
गलतियां
गलतियां
Dr Parveen Thakur
"'मोम" वालों के
*Author प्रणय प्रभात*
कितना
कितना
Santosh Shrivastava
आईना मुझसे मेरी पहली सी सूरत  माँगे ।
आईना मुझसे मेरी पहली सी सूरत माँगे ।
Neelam Sharma
हॅंसी
हॅंसी
Paras Nath Jha
राष्ट्रीय किसान दिवस
राष्ट्रीय किसान दिवस
Akash Yadav
तड़प कर मर रही हूं तुझे ही पाने के लिए
तड़प कर मर रही हूं तुझे ही पाने के लिए
Ram Krishan Rastogi
भव्य भू भारती
भव्य भू भारती
लक्ष्मी सिंह
तपिश धूप की तो महज पल भर की मुश्किल है साहब
तपिश धूप की तो महज पल भर की मुश्किल है साहब
Yogini kajol Pathak
काश वो होते मेरे अंगना में
काश वो होते मेरे अंगना में
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
मुक्तक-
मुक्तक-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
निलय निकास का नियम अडिग है
निलय निकास का नियम अडिग है
Atul "Krishn"
गुरु पूर्णिमा
गुरु पूर्णिमा
Radhakishan R. Mundhra
*प्रेम भेजा  फ्राई है*
*प्रेम भेजा फ्राई है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
परिंदा
परिंदा
VINOD CHAUHAN
जब सूरज एक महीने आकाश में ठहर गया, चलना भूल गया! / Pawan Prajapati
जब सूरज एक महीने आकाश में ठहर गया, चलना भूल गया! / Pawan Prajapati
Dr MusafiR BaithA
*वो एक वादा ,जो तूने किया था ,क्या हुआ उसका*
*वो एक वादा ,जो तूने किया था ,क्या हुआ उसका*
sudhir kumar
यह दुनिया भी बदल डालें
यह दुनिया भी बदल डालें
Dr fauzia Naseem shad
★किसान ★
★किसान ★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
पूछ रही हूं
पूछ रही हूं
Srishty Bansal
राम पर हाइकु
राम पर हाइकु
Sandeep Pande
मेरा प्रेम पत्र
मेरा प्रेम पत्र
डी. के. निवातिया
ज़माने पर भरोसा करने वालों, भरोसे का जमाना जा रहा है..
ज़माने पर भरोसा करने वालों, भरोसे का जमाना जा रहा है..
पूर्वार्थ
" अधरों पर मधु बोल "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
दोय चिड़कली
दोय चिड़कली
Rajdeep Singh Inda
सावन आया
सावन आया
Neeraj Agarwal
2855.*पूर्णिका*
2855.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मुझको उनसे क्या मतलब है
मुझको उनसे क्या मतलब है
gurudeenverma198
Loading...