कुछ दोहे
सत्य सभी के सामने , देखो उसे जरूर ।
अनदेखी में सालता ,हो जाता मगरूर ।।
सत्य सनातन एक है, जिससे डरता रोज ।
आया है सो जायगा, गंगू हो या भोज ।।
पूर्ण सत्य जाने बिना , कर दिया उस पर वार ।
टूटकर वह बिखर गया , लगी जोर की मार ।।
भवानी सिंह ‘भूधर’
बड़नगर , जयपुर