Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 May 2024 · 1 min read

कुछ दूर और चली होती मेरे साथ

तुम अगर कुछ दूर और
चली होती मेरे साथ
तो जान पाती कुछ और
मेरे बारे में
और मैं भी
कुछ और एहसास
जमा कर लेता
तुम्हारे बगैर जीने के लिए
क्योंकि अब इस दिल में
तो जगह ही नहीं है
किसी और के लिए
किसी नए एहसास के लिए
और तुम में तो इतने
एहसास ही नहीं थे
किसी और के एहसासो
को समझने के लिए

जमाना चाहेगा कि
तुमसे नफरत करुं मैं
तुम्हें अपना गुनहगार
दिखाता रहूं मैं
पर मैं तो ऐसा कर ही नही सकता
क्योंकि ये जमाना तुमसे
मोहब्बत में महानता चाहता होगा
पर मैं नहीं चाहता था
और अब भी नही चाहता हूं
क्योंकि मैं और सिर्फ मैं
जानता हूं
कि तुम भी एक आम लड़की ही हो
जो अपने लिए
जीवन का हर रिश्ता
सबसे बेहतर चुनना चाहती है

Language: Hindi
57 Views
Books from Harinarayan Tanha
View all

You may also like these posts

आगमन उस परलोक से भी
आगमन उस परलोक से भी
©️ दामिनी नारायण सिंह
गलत चुनाव से
गलत चुनाव से
Dr Manju Saini
कॉफ़ी हो या शाम.......
कॉफ़ी हो या शाम.......
shabina. Naaz
ना चाहते हुए भी रोज,वहाँ जाना पड़ता है,
ना चाहते हुए भी रोज,वहाँ जाना पड़ता है,
Suraj kushwaha
ना जाने किस मोड़ पे भाग्य किसी का बदल जाए!
ना जाने किस मोड़ पे भाग्य किसी का बदल जाए!
Ajit Kumar "Karn"
दीवारों की चुप्पी में
दीवारों की चुप्पी में
Sangeeta Beniwal
पितृ दिवस ( father's day)
पितृ दिवस ( father's day)
Suryakant Dwivedi
3060.*पूर्णिका*
3060.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"चीख उठते पहाड़"
Dr. Kishan tandon kranti
दोहा पंचक. . . . . देह
दोहा पंचक. . . . . देह
sushil sarna
हम कहाँ कोई जमीं या
हम कहाँ कोई जमीं या
Dr. Sunita Singh
बढ़ता उम्र घटता आयु
बढ़ता उम्र घटता आयु
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
You relax on a plane, even though you don't know the pilot.
You relax on a plane, even though you don't know the pilot.
पूर्वार्थ
तीन हाइकु
तीन हाइकु "फिक्र"
अरविन्द व्यास
#रिश्ते #
#रिश्ते #
rubichetanshukla 781
"एहसानों के बोझ में कुछ यूं दबी है ज़िंदगी
गुमनाम 'बाबा'
"शहीद साथी"
Lohit Tamta
उलटा वर्ण पिरामिड
उलटा वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
बढ़ती उम्र के साथ मानसिक विकास (बदलाव) समस्या और समाधान
बढ़ती उम्र के साथ मानसिक विकास (बदलाव) समस्या और समाधान
Bhupendra Rawat
कवि हूँ मै ...
कवि हूँ मै ...
Abasaheb Sarjerao Mhaske
अरे धर्म पर हंसने वालों
अरे धर्म पर हंसने वालों
Anamika Tiwari 'annpurna '
अपना गांव
अपना गांव
अनिल "आदर्श"
बड़े बुजुर्गों का गिरा, जहां नैन से नीर
बड़े बुजुर्गों का गिरा, जहां नैन से नीर
RAMESH SHARMA
आगमन
आगमन
Shikha Mishra
"राखी का तोहफा"
Jyoti Roshni
मुक्तक...छंद-रूपमाला/मदन
मुक्तक...छंद-रूपमाला/मदन
डॉ.सीमा अग्रवाल
*आए सदियों बाद हैं, रामलला निज धाम (कुंडलिया)*
*आए सदियों बाद हैं, रामलला निज धाम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
कविता.
कविता.
Heera S
बाल कविता: मछली
बाल कविता: मछली
Rajesh Kumar Arjun
मंजिल खुद अश्रु - सिक्त हुई ..
मंजिल खुद अश्रु - सिक्त हुई ..
Priya Maithil
Loading...