कुछ दिन की है बात
कुछ दिन की है बात सभी जन घर में रह लो।
तू-तू मैं मैं त्याग ,राष्ट्रहित में यह सह लो।
कोरोना की हार हेतु सबको लड़ना है।
जीवनहित सद्ज्ञान,पकड़ कर के बढ़ना है।
सफल राष्ट्रसेवक-सम उज्ज्वलता को गह लो।
कुछ दिन की है बात ,सभी जन घर में रह लो।
मास्क पहनिए,साबुन से निज हाथ धोइए।
दो गज दूरी रखने का अभिशाप ढोइए।
यात्री हो तो सैनिटाइजर लेकर टहलो।
कुछ दिन की है बात सभी जन घर में रह लो।
राष्ट्र धर्म से बड़ा न कोई धरम मिला है।
स्वस्थ्य- निरोगी जन हों, ऊँचा करम मिला है।
जागो ! संयम को गह कर के मन की तह लो।
कुछ दिन की है बात ,सभी जन घर में रह लो।
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पं बृजेश कुमार नायक