कुछ तो है
कुछ तो है
वरना यूं ही नहीं महफिलों में तेरी नामौजूदगी में तेरा ज़िक्र होता और तेरी मौजूदगी में तुझे छिप कर देखना होता।
कुछ तो है
वरना यूं ही नहीं तेरी राहों पर नजरें टिकी रहती
और तेरे आने की आहट बनी रहती।
कुछ तो है
वरना यूं ही नहीं कहकशां में नाम तेरा आता
और दिल की धड़कन हमारी तेज़ होती।
कुछ तो है
वरना यूं ही नहीं वीरानों में तेरी यादों की खुशबू
सांसों को महका जाती।
कुछ तो है
वरना यूं ही नहीं तन्हाई में तलाश तेरी होती
और तेरी तस्वीर से कुछ बेजुबां बातें होती।
कुछ तो है
वरना यूं ही नहीं आइना हम देखते हैं
और अक्स तेरा नज़र आता है।