कुछ तो कर गुजरने का
कुछ तो कर गुजरने का
अब #अरमान दिल में है !
जमीन नहीं है मंजिल मेरी
खुला #आसमान दिल में है!!
#आसमानों की जद में रहना,
फिर भी अपनी #हद में रहना,
जो है अपने कद में रहते ;
उनका #सम्मान दिल में है!!
नहीं हदों का #खौफ जिनको,
बुलंद सपनों की जद में है!
समुद्रों में कुछ भी नहीं है ;
जो मिठास #स्वप्न_मद में है!!
जान लुटाने को तैयार;
हमेशा रहते तत्पर जो!
धन्य है यह मां भारती,
ऐसे सिपाही सरहद में है!!
आंधियां चलने लगी,
हौसला भी उड़ गया!
फिर -2 तिनका लाने का,
अजब #हौसला दिल में है!!
लहरों के साथ बहा कभी,
लहरों के विपरीत खड़ा है !
संघर्षों में जिद पर अड़ा है,
अब यह गुमान दिल में है!!
#दीपक_बवेजा_सरल