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8 Jun 2023 · 1 min read

कहाँ हूँ मै पराई

जब भी चोट खाया
मैंने चिल्लाया – ओ मां !

जब भी आई संकट
मैंने पुकारा -बाप रे !

जब भी छाई तन्हाई
मैंने बजाई – बांसुरी
कहाँ हो जी ‘ श्रीमती ‘ !

जब हुई पडोसी से लड़ाई
मैंने कहा – यह जमीन मेरी है
तुम कहाँ से आई !

परायी नहीं, पड़ोस में रहती हूँ
आवाज तो दो
कहूँगी – अभी आई !

Language: Hindi
224 Views
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