महका हम करेंगें।
मां तेरा कर्ज कैसे अदा हम करेंगे।
मोहब्बतों का तेरी सिला कैसे देंगे।।1।।
रिश्तों में आला हो तुम सभी पर।
फिदा तेरी ममता पे सदा हम रहेगें।।2।।
मां तुमसे कोई भी सवाल करके।
जहन्नम पाने का गुनाह हम करेंगें।।3।।
यूं मखलूक को खुदा नहीं कहते।
ऐसे शिर्क करके खता सब करेंगें।।4।।
अदबो लिहाज़ में रखो बच्चों को।
वर्ना बर्बादी की वजह खुद बनेंगे।।5।।
गजरा बनाके सजा लो गेसुओं में।
खुशबू बन कर महका हम करेंगें।।6।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ