कुछ ख़त महोब्बत के नाम ….
अर्पण है तुझे ,समर्पण है तुझे
मेरी जिंदगी के बसंत।
यादों में तू,वादों में तू
मेरे लफ्जो में तू है अनंत।
मीत मेरे तू जीत मेरी,
लागी हैं तुझसे प्रीत मेरी।
फिजाओं में तू, वफाओं में तू
दिल से निकली दुआओं में तू।
तेरी यादों का न हो कोई अंत
ऐसे हो मेरी जिंदगी के बसंत ……
मेरी पहली मोहब्बत हैं खुदा की इबादत
खुदा भी न जाने ये क्या हैं कयामत।
मोहब्बत साथ हो तो वफ़ा भी साथ देती हैं,
बेवफा भी हो जाये तो दगा भी साथ देती हैं।
तेरी यादों का न हो कोई अंत,
ऐसे हो मेरी जिंदगी के बसंत…….