कुछ खत मोहब्बत के
प्यार किसी लड़की से ही हो, यह तो जरुरी नही
दोस्ती का गुलदस्ता भी, इस बाग से ही आता है।
सनम के खत से ही प्यार की महक फूटे ऐसा तो नही,
मां की चिठ्ठीयों में से भी वात्सल्य बरस ही जाता है।
किसी तन की खुबसूरती का नाम प्यार हो, ऐसा तो नही,
जज्बातों की खुबसूरती, तन की चमक से ज्यादा होती है।
किसी का साथ ताउम्र मिले, प्यार इसी का नाम तो नही,
पल भर की मोहब्बत कर लेना, प्यार से कम भी तो नही।
प्यार केवल मन को मोह लेने वाला, एक पल का अहसास है,
जीवन भर ऐसा ही चले, यह एक मृगतृष्णा से कम भी तो नही।
आपका अपना
लक्की सिंह चौहान