कुछ खता
कुछ खता हमसे भी होती ही रही
जान वो सब ओर अनजानी रही
पतंग भुले छोड दी तूफान मे
भुल कर हमे मस्त वो उडती रही
मिले उनको इक जमाना हो गया
अब तलक ना कोई खबर उनकी रही
कुछ खता हमसे भी होती ही रही
जान वो सब ओर अनजानी रही
पतंग भुले छोड दी तूफान मे
भुल कर हमे मस्त वो उडती रही
मिले उनको इक जमाना हो गया
अब तलक ना कोई खबर उनकी रही