Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Jun 2021 · 1 min read

‘कुछ कुछ होता है’ के नायक

‘बादशाह’ व ‘ज़ीरो’ अभिनेता ‘शाहरुख खान’ को शुभकामनाएँ ! विदित हो, 100 से अधिक फिल्मों में मुख्य भूमिकाएँ करनेवाले ‘शाहरुख खान’ दिल्ली के रहनेवाले हैं और बगैर किसी फिल्मी परिवार से हैं ।

टीवी धारावाहिक से कॅरियर शुरू करनेवाले एसआरके की एक फ़िल्म ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ अब भी एक सिनेमा हॉल में 29वें साल भी चल रही है । वे थियेटर में भी कार्य कर चुके हैं । उनकी जिंदगी संघर्षों से भरी है । मैडम तुसाद संग्रहालय में इनकी मोम की प्रतिमा लग चुकी हैं।

उन्हें भारत सरकार से पद्म अवार्ड मिला है और ट्रैजेडी किंग ‘दिलीप कुमार’ की तरह 8 बार फ़िल्म फ़ेयर पुरस्कार के विजेता हैं, किन्तु राष्ट्रीय पुरस्कार उन्हें अबतक प्राप्त नहीं हुए हैं । तारीख 2 नवम्बर को उनके जन्मदिवस पर कहना है–

“नव अम्बर देख रहा नवम्बर में,
गर्मी – ठंढक के बीच ऊप्स देख रहा नवम्बर में,
क्यों चहुँओर टकटकी लगाऊँ मैं ?
दोस्तों में दोष मढ़ किस कारण–
जब अपना ही दस्त लगी हो नवम्बर में !”

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 228 Views

You may also like these posts

एक शिक्षक होना कहाँ आसान है....
एक शिक्षक होना कहाँ आसान है....
sushil sharma
शब्दों की रखवाली है
शब्दों की रखवाली है
Suryakant Dwivedi
किसी भी स्त्री का उत्पीड़न न करें क्योंकि प्रत्येक स्त्री एक
किसी भी स्त्री का उत्पीड़न न करें क्योंकि प्रत्येक स्त्री एक
गुमनाम 'बाबा'
तुम्हारे प्यार के खातिर सितम हर इक सहेंगे हम।
तुम्हारे प्यार के खातिर सितम हर इक सहेंगे हम।
सत्य कुमार प्रेमी
ग़ज़ल _ मुहब्बत में बहके , क़दम उठते उठते ,
ग़ज़ल _ मुहब्बत में बहके , क़दम उठते उठते ,
Neelofar Khan
चरम सुख
चरम सुख
मनोज कर्ण
पेड़ और ऑक्सीजन
पेड़ और ऑक्सीजन
विजय कुमार अग्रवाल
તે છે સફળતા
તે છે સફળતા
Otteri Selvakumar
उल्लासों के विश्वासों के,
उल्लासों के विश्वासों के,
*प्रणय*
नज़र
नज़र
Shyam Sundar Subramanian
गलतियां हमारी ही हुआ करती थी जनाब
गलतियां हमारी ही हुआ करती थी जनाब
रुचि शर्मा
संघर्ष का अर्थ ये नही है कि
संघर्ष का अर्थ ये नही है कि
P S Dhami
वो ख़्वाहिशें जो सदियों तक, ज़हन में पलती हैं।
वो ख़्वाहिशें जो सदियों तक, ज़हन में पलती हैं।
Manisha Manjari
Your Secret Admirer
Your Secret Admirer
Vedha Singh
आत्मीयता न होगी
आत्मीयता न होगी
Dr fauzia Naseem shad
3140.*पूर्णिका*
3140.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
थोथा चना
थोथा चना
Dr MusafiR BaithA
रियायत कौन देता है दूकानदारी में,तंग हाथ रखे जाते हैं खरीददा
रियायत कौन देता है दूकानदारी में,तंग हाथ रखे जाते हैं खरीददा
पूर्वार्थ
सदा साथ रहना साथिया
सदा साथ रहना साथिया
Sudhir srivastava
बातों बातों में!
बातों बातों में!
Jaikrishan Uniyal
हैंगर में टंगे सपने ....
हैंगर में टंगे सपने ....
sushil sarna
छल फरेब की बात, कभी भूले मत करना।
छल फरेब की बात, कभी भूले मत करना।
surenderpal vaidya
*पार्क (बाल कविता)*
*पार्क (बाल कविता)*
Ravi Prakash
मां शारदे
मां शारदे
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
" तपिश "
Dr. Kishan tandon kranti
दर्द भरी मुस्कान
दर्द भरी मुस्कान
ओनिका सेतिया 'अनु '
झरोखे की ओट से
झरोखे की ओट से
अमित कुमार
...........
...........
शेखर सिंह
*
*"हलषष्ठी मैया'*
Shashi kala vyas
होली में
होली में
Dr Archana Gupta
Loading...