Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Feb 2019 · 1 min read

कुछ कलयुगी मुक्तक –आर के रस्तोगी

काश ! मैं तुम्हारा मोबाइल होता
तुम्हारे कानो से चिपका होता
तुम अपने दिल की बात कहती
मैं अपने दिल की बात कहता

काश ! तुम मेरे मोबाइल होते
भले ही मेरे कानो से चिपके होते
पर जब मैं बॉय फ्रेंड से बात करती
तुम्हारे दिल में कडवाहट होती

काश ! मै तुम्हारा दीपक होता
तुम मेरी तेल बाति होती
मै सारी रात जलता रहता
तुमको प्रकाश देता रहता

काश ! तुम मेरे दीपक होते
भले ही तुम्हारी तेल बाति होती
जब तेल तुम्हारा खत्म हो जाता
सुबह तुम्हे कूड़े में फैक आती

काश ! तुम्हार गणेश होता
घर में तुम्हारे पूजा जाता
रोज तुम्हारे लडडू खाता
खूब मौज मस्ती मनाता

काश ! तुम मेरे गणेश होते
भले ही तुम रोज पूजे जाते
और खूब मौज मस्ती मनाते
पर हर वर्ष तुम्हारा विसर्जन करती

काश ! मैं तुम्हारा राम होता
कलयुग में मैं पैदा होता
तुम सीता सी पत्नि होती
कितनी अच्छी ये बात होती

काश ! तुम कलयुग मै पैदा होते
मै सीता सी सावित्री न होती
तुम अकेले बन बन में भटकते
मैं अकेले ही मौज मस्ती लेती

आर के रस्तोगी

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 286 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ram Krishan Rastogi
View all
You may also like:
*
*"ऐ वतन"*
Shashi kala vyas
वसंत ऋतु
वसंत ऋतु
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
अपना मन
अपना मन
Neeraj Agarwal
*मारा लो रावण गया, रामचंद्र के हाथ (कुंडलिया)*
*मारा लो रावण गया, रामचंद्र के हाथ (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
हुनर हर मोहब्बत के जिंदगी में सिखाएं तूने।
हुनर हर मोहब्बत के जिंदगी में सिखाएं तूने।
Phool gufran
इंसानों के अंदर हर पल प्रतिस्पर्धा,स्वार्थ,लालच,वासना,धन,लोभ
इंसानों के अंदर हर पल प्रतिस्पर्धा,स्वार्थ,लालच,वासना,धन,लोभ
Rj Anand Prajapati
जीवन तब विराम
जीवन तब विराम
Dr fauzia Naseem shad
ग़ज़ल _ शबनमी अश्क़ 💦💦
ग़ज़ल _ शबनमी अश्क़ 💦💦
Neelofar Khan
वसंततिलका छन्द
वसंततिलका छन्द
Neelam Sharma
"आशिकी"
Dr. Kishan tandon kranti
*मायूस चेहरा*
*मायूस चेहरा*
Harminder Kaur
दिल का आलम
दिल का आलम
Surinder blackpen
अटल सत्य संसार का,
अटल सत्य संसार का,
sushil sarna
👍बाटी खाने के नियम..😃
👍बाटी खाने के नियम..😃
Rituraj shivem verma
हिंदी हाइकु
हिंदी हाइकु
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
प्रेम-प्रेम रटते सभी,
प्रेम-प्रेम रटते सभी,
Arvind trivedi
हमने तूफानों में भी दीपक जलते देखा है
हमने तूफानों में भी दीपक जलते देखा है
कवि दीपक बवेजा
हर इंसान को भीतर से थोड़ा सा किसान होना चाहिए
हर इंसान को भीतर से थोड़ा सा किसान होना चाहिए
ruby kumari
बहके जो कोई तो संभाल लेना
बहके जो कोई तो संभाल लेना
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
23/61.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/61.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अहंकार
अहंकार
Bindesh kumar jha
मैं प्रेम लिखूं जब कागज़ पर।
मैं प्रेम लिखूं जब कागज़ पर।
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
#बाल_दिवस_से_क्या_होगा?
#बाल_दिवस_से_क्या_होगा?
*प्रणय प्रभात*
*हर किसी के हाथ में अब आंच है*
*हर किसी के हाथ में अब आंच है*
sudhir kumar
तल्खियां
तल्खियां
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
इनपे विश्वास मत कर तू
इनपे विश्वास मत कर तू
gurudeenverma198
Jeevan Ka saar
Jeevan Ka saar
Tushar Jagawat
କଳା ସଂସ୍କୃତି ଓ ପରମ୍ପରା
କଳା ସଂସ୍କୃତି ଓ ପରମ୍ପରା
Bidyadhar Mantry
"" *गणतंत्र दिवस* "" ( *26 जनवरी* )
सुनीलानंद महंत
घने साये के लिए दरख्त लगाया जाता है
घने साये के लिए दरख्त लगाया जाता है
पूर्वार्थ
Loading...