कुंवारे का शाप
हे पापी कोरोना तूने, क्या आतंक मचाया
लाखों जाने चली गई, जग को बीमार बनाया
रोक दिया सब धंधों को ,ये जहर क्यों फैलाया
बंद हुई सारी दुनिया, कैसा आतंक मचाया
बंद हुए पर्यटन सारे,वीकएंड न मन पाया
रोक दिए सब मंगल परिणय, शादी पर ब्रेक लगाया
मेरे जैसे कई कुंवारे ,उनके दिल को बहुत सताया
रोक दिए दो दिल मिलने से ,लाज तुझे न आई
बन्ना बन्नी की रोक दी तूने, शादी और सगाई
आहत होकर बन्ना बन्नी शाप तुझे देते हैं
इसी समय मर जाए कुआंरा ,सीधे नर्क में जाए
कांधा देने बाला न हो , युगों तक धरती पर न आए
सुरेश कुमार चतुर्वेदी