कुंडलिया
दुनिया लोभी लाभ की
कहते ज्ञानी लोग हैं, अजब गजब संसार।
दुनिया लोभी लाभ की, यही दिखे व्यापार।
यही दिखे व्यापार, मोह के सारे मारे।
मन्दिर जाते लोग, स्वार्थ को लेकर सारे।
बना धर्म व्यापार, आवरण में कुछ रहते।
दौलत का सब खेल, गुणी जन देखो कहते।।
डॉ सरला सिंह स्निग्धा
दिल्ली