कुंडलिया छंद
कुंडलिया छंद-*
जोड़े जिसने कृष्ण से,अपने दिल के तार।
उसका समझो हो गया ,भव से बेड़ा पार।
भव से बेड़ा पार ,समर्पण से है होता।
करके भक्ति अनन्य,लगाओ सुख में गोता।
हुए पातकी धन्य ,रहे जो महा निगोड़े।
मिली आपकी कृपा,शरण आए कर जोड़े।।
डॉ.बिपिन पाण्डेय