कुंडलियां
कुण्डलिया
नैतिकता की बात जब,करे सियासी तंत्र ।
ऐसा लगता भेड़िया,जपे अहिंसा मन्त्र ।।
जपे अहिंसा मन्त्र साथ में बगुला भक्ति।
मौका मिलते हजम करे जनता की शक्ति।
बच कर रहना मित्र मात्र सिंहासन दिखता।
बने रहे आसीन , ताक पर रख नैतिकता।।
सतीश पाण्डेय