Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jun 2023 · 1 min read

कुंडलियां

कविता आहें भर रही , वाणी पर प्रतिबंध ।

गूंगे रहकर लिख रहे , भावों के अनुबंध।।

भावों के अनुबंध , समय की है बलिहारी ।

ठकुर सुहाती कहो , अन्यथा संकट भारी ।

कह पाण्डे कविराय , चरण चुंबन जो करता

सम्मानों से सज्ज , दिखे बस उसकी कविता ।।
सतीश पाण्डेय

46 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सतीश पाण्डेय
View all
You may also like:
" उधार "
Dr. Kishan tandon kranti
तुमसे ही दिन मेरा तुम्ही से होती रात है,
तुमसे ही दिन मेरा तुम्ही से होती रात है,
AVINASH (Avi...) MEHRA
लौट कर रास्ते भी
लौट कर रास्ते भी
Dr fauzia Naseem shad
*
*"माँ महागौरी"*
Shashi kala vyas
शीर्षक:इक नज़र का सवाल है।
शीर्षक:इक नज़र का सवाल है।
Lekh Raj Chauhan
जय श्री कृष्ण
जय श्री कृष्ण
Neeraj Agarwal
मेहनत कड़ी थकान न लाती, लाती है सन्तोष
मेहनत कड़ी थकान न लाती, लाती है सन्तोष
महेश चन्द्र त्रिपाठी
बस इतनी सी अभिलाषा मेरी
बस इतनी सी अभिलाषा मेरी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कभी वैरागी ज़हन, हर पड़ाव से विरक्त किया करती है।
कभी वैरागी ज़हन, हर पड़ाव से विरक्त किया करती है।
Manisha Manjari
मस्ती का माहौल है,
मस्ती का माहौल है,
sushil sarna
खुश रहने वाले गांव और गरीबी में खुश रह लेते हैं दुःख का रोना
खुश रहने वाले गांव और गरीबी में खुश रह लेते हैं दुःख का रोना
Ranjeet kumar patre
मैंने हर मंज़र देखा है
मैंने हर मंज़र देखा है
Harminder Kaur
जीव-जगत आधार...
जीव-जगत आधार...
डॉ.सीमा अग्रवाल
नए मौसम की चका चोंध में देश हमारा किधर गया
नए मौसम की चका चोंध में देश हमारा किधर गया
कवि दीपक बवेजा
25- 🌸-तलाश 🌸
25- 🌸-तलाश 🌸
Mahima shukla
2548.पूर्णिका
2548.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
खोखला वर्तमान
खोखला वर्तमान
Mahender Singh
ग़ज़ल _ मैं ग़ज़ल आपकी, क़ाफिया आप हैं ।
ग़ज़ल _ मैं ग़ज़ल आपकी, क़ाफिया आप हैं ।
Neelofar Khan
*डॉक्टर किशोरी लाल: एक मुलाकात*
*डॉक्टर किशोरी लाल: एक मुलाकात*
Ravi Prakash
👩‍🌾कृषि दिवस👨‍🌾
👩‍🌾कृषि दिवस👨‍🌾
Dr. Vaishali Verma
राम तेरी माया
राम तेरी माया
Swami Ganganiya
"घर की नीम बहुत याद आती है"
Ekta chitrangini
एक पीर उठी थी मन में, फिर भी मैं चीख ना पाया ।
एक पीर उठी थी मन में, फिर भी मैं चीख ना पाया ।
आचार्य वृन्दान्त
खालीपन
खालीपन
MEENU SHARMA
बचपन मिलता दुबारा🙏
बचपन मिलता दुबारा🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
तेरे आने कें बाद से बदल गए है,
तेरे आने कें बाद से बदल गए है,
Vaishaligoel
-जीना यूं
-जीना यूं
Seema gupta,Alwar
विचार और भाव-1
विचार और भाव-1
कवि रमेशराज
तुम्हारा जिक्र
तुम्हारा जिक्र
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
जीवन सरल चाहते हो तो
जीवन सरल चाहते हो तो
करन ''केसरा''
Loading...