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30 Nov 2021 · 1 min read

कुंठा

दमित इच्छाएं भाग्य से लड़ें,
भाग्य अपने प्रारब्ध से लड़ें ,
प्रारब्ध की कड़ी मनुष्य की समझ में न आए ,
तो वो भिन्न प्रकार की कुंदाओं से भिड़े ।

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 303 Views
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