कीमती
……कीमती…..
जीवन के उलझे धागों के,
सुलझे हुए रिश्ते हो,
नए मोड़ के फरिश्ते कहलाते हो..
बहुत डर था दिल में,
मानो मन को सवालों ने घेरा था,
मगर जवाब में खुदाने मुझे
कीमती तोफे को दिया था।।
दिल की धड़कने बढ़ने लगती,
तो मुझे वह मुझे गले लगाती ,
उलझती आंखे मेरी तो,
इशारों में सुकून ढूढना सिखाती।।
बहुत खुबसूरत तोफे ने सजाया मुझे,
कभी हसाया ,
कभी रुलाया मुझे,
मगर अपना फर्ज बेखूबी निभाया।
ऐ खुदा ,
लफ्ज़ नही जो
मेरे फरिश्ता को बया कर सके।।
ऐ मेरे किम्मती तोफो,
हमेशा खुश रहना ,
और युहि,
जीवन के मोड़ पर साथ देना।।
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नौशाबा जिलानी सुरिया