Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Aug 2020 · 1 min read

कि मैं हूँ

रिश्ते बहुत आसान लगते हैं,
जब कोई कहता है कि मैं हूँ,
टूटे हुऐ सपने बिखरी हुई जिंदगी ,
अचानक आसान लगते हैं ,
जब कोई कहता है कि मैं हूँ ,
कदमों को ज़रा बढ़ाओ तो ,
ऐसा कहकर गिरने नहीं देता,
संभाल कर कहता है कि मैं हूँ,
रिश्ते बहुत आसान लगते हैं,
जब कोई कहता है कि मैं हूँ ,
उड़ो आज़ाद पंछी के जैसे ,
खुले गगन की सैर करो ,
घबराना मत कभी गर्दिश मे,
समझाकर कहता हूँ कि मैं हूँ,
रिश्ते बहुत आसान लगते हैं,
जब कोई कहता है कि मैं हूँ ,
पोंछ कर आँसू मेरी आँखों के ,
सिसकियों को वो जब चुप कराता है,
और चुप कराकर कहता है कि मैं हूँ,
रिश्ते बहुत आसान लगते हैं ,
जब कोई कहता है कि मैं हूँ ,
तन्हाईयों मे जब कभी मन ,
चुपचाप और उदास होता है,
हँसी बनकर वो कहता है कि मैं हूँ ,
रिश्ते बहुत आसान लगते हैं ,
जब कोई कहता है कि मैं हूँ ,
हालात कितने भी नाजुक हों ,
चाहे अँधेरों का साया हो ,
बनके रोशनी वो दिए की ,
उजाला बन के वो कहता है की मैं हूँ !!!!

Language: Hindi
5 Likes · 8 Comments · 547 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सबला
सबला
Rajesh
अच्छा बोलने से अगर अच्छा होता,
अच्छा बोलने से अगर अच्छा होता,
Manoj Mahato
-आगे ही है बढ़ना
-आगे ही है बढ़ना
Seema gupta,Alwar
आजकल सबसे जल्दी कोई चीज टूटती है!
आजकल सबसे जल्दी कोई चीज टूटती है!
उमेश बैरवा
*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
हर मौसम का अपना अलग तजुर्बा है
हर मौसम का अपना अलग तजुर्बा है
कवि दीपक बवेजा
अंतिम सत्य
अंतिम सत्य
विजय कुमार अग्रवाल
पेड़ से इक दरख़ास्त है,
पेड़ से इक दरख़ास्त है,
Aarti sirsat
लोकोक्तियां (Proverbs)
लोकोक्तियां (Proverbs)
Indu Singh
ले कर मुझे
ले कर मुझे
हिमांशु Kulshrestha
देव प्रबोधिनी एकादशी
देव प्रबोधिनी एकादशी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
जय श्रीराम हो-जय श्रीराम हो।
जय श्रीराम हो-जय श्रीराम हो।
manjula chauhan
ദുരന്തം.
ദുരന്തം.
Heera S
सभी के स्टेटस मे 9दिन माँ माँ अगर सभी के घर मे माँ ख़ुश है तो
सभी के स्टेटस मे 9दिन माँ माँ अगर सभी के घर मे माँ ख़ुश है तो
Ranjeet kumar patre
“प्रजातांत्रिक बयार”
“प्रजातांत्रिक बयार”
DrLakshman Jha Parimal
मांँ
मांँ
Neelam Sharma
आंगन आंगन पीर है, आंखन आंखन नीर।
आंगन आंगन पीर है, आंखन आंखन नीर।
Suryakant Dwivedi
🌹मेरे जज़्बात, मेरे अल्फ़ाज़🌹
🌹मेरे जज़्बात, मेरे अल्फ़ाज़🌹
Dr .Shweta sood 'Madhu'
समल चित् -समान है/प्रीतिरूपी मालिकी/ हिंद प्रीति-गान बन
समल चित् -समान है/प्रीतिरूपी मालिकी/ हिंद प्रीति-गान बन
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
संबंध क्या
संबंध क्या
Shweta Soni
*हमेशा जिंदगी की एक, सी कब चाल होती है (हिंदी गजल)*
*हमेशा जिंदगी की एक, सी कब चाल होती है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
बारिश की बूँदें
बारिश की बूँदें
Smita Kumari
"सुन लेना पुकार"
Dr. Kishan tandon kranti
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
सुंदरता अपने ढंग से सभी में होती है साहब
सुंदरता अपने ढंग से सभी में होती है साहब
शेखर सिंह
प्रत्येक मनुष्य के  जीवन में घटित घटनाओं की यादें उस व्यक्ति
प्रत्येक मनुष्य के जीवन में घटित घटनाओं की यादें उस व्यक्ति
पूर्वार्थ
🙅बस, एक इशारा🙅
🙅बस, एक इशारा🙅
*प्रणय*
इन्सान पता नही क्यूँ स्वयं को दूसरो के समक्ष सही साबित करने
इन्सान पता नही क्यूँ स्वयं को दूसरो के समक्ष सही साबित करने
Ashwini sharma
4238.💐 *पूर्णिका* 💐
4238.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
*
*" कोहरा"*
Shashi kala vyas
Loading...