कि मैं हूँ
रिश्ते बहुत आसान लगते हैं,
जब कोई कहता है कि मैं हूँ,
टूटे हुऐ सपने बिखरी हुई जिंदगी ,
अचानक आसान लगते हैं ,
जब कोई कहता है कि मैं हूँ ,
कदमों को ज़रा बढ़ाओ तो ,
ऐसा कहकर गिरने नहीं देता,
संभाल कर कहता है कि मैं हूँ,
रिश्ते बहुत आसान लगते हैं,
जब कोई कहता है कि मैं हूँ ,
उड़ो आज़ाद पंछी के जैसे ,
खुले गगन की सैर करो ,
घबराना मत कभी गर्दिश मे,
समझाकर कहता हूँ कि मैं हूँ,
रिश्ते बहुत आसान लगते हैं,
जब कोई कहता है कि मैं हूँ ,
पोंछ कर आँसू मेरी आँखों के ,
सिसकियों को वो जब चुप कराता है,
और चुप कराकर कहता है कि मैं हूँ,
रिश्ते बहुत आसान लगते हैं ,
जब कोई कहता है कि मैं हूँ ,
तन्हाईयों मे जब कभी मन ,
चुपचाप और उदास होता है,
हँसी बनकर वो कहता है कि मैं हूँ ,
रिश्ते बहुत आसान लगते हैं ,
जब कोई कहता है कि मैं हूँ ,
हालात कितने भी नाजुक हों ,
चाहे अँधेरों का साया हो ,
बनके रोशनी वो दिए की ,
उजाला बन के वो कहता है की मैं हूँ !!!!