Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Apr 2022 · 1 min read

किस राह के हो अनुरागी

ईश्वर किसी एक धर्म , किसी एक पंथ या किसी एक मार्ग का गुलाम नहीं। अपने धर्म को सर्वश्रेष्ठ मानने से ज्यादा अप्रासंगिक मान्यता कोई और हो हीं नहीं सकती । परम तत्व को किसी एक धर्म या पंथ में बाँधने की कोशिश करने वालों को ये ज्ञात होना चाहिए कि ईश्वर इतना छोटा नहीं है कि उसे किसी स्थान , मार्ग , पंथ , प्रतिमा या किताब में बांधा जा सके। वास्तविकता तो ये है कि ईश्वर इतना विराट है कि कोई किसी भी राह चले सारे के सारे मार्ग उसी की दिशा में अग्रसित होते हैं।

किस राह के हो अनुरागी ,
देहासक्त हो या कि त्यागी?
जीवन का क्या हेतु परंतु ,
चित्त में इसका भान रहे ,
किंचित कोई परिणाम रहे,
किंचित कोई परिणाम रहे।

है प्रयास में अणुता तो क्या,
ना राह में ऋजुता तो क्या?
प्रभु की अभिलाषा में किंतु ,
ना हो लघुता ध्यान रहे ,
किंचित कोई परिणाम रहे,
किंचित कोई परिणाम रहे।

कितनी प्रज्ञा धूमिल हुई है ?
अंतस्यंज्ञा घूर्मिल हुई है ?
अंतर पथ अवरोध पड़ा ,
कैसा किंतु अनुमान रहे ,
किंचित कोई परिणाम रहे,
किंचित कोई परिणाम रहे।

बुद्धि शुद्धि या तय कर लो ,
वाक्शुद्धि चित्त लय कर लो ,
दिशा भ्रांत हो बैठो ना मन,
संशुद्धि संधान रहे ,
किंचित कोई परिणाम रहे,
किंचित कोई परिणाम रहे।

कर्मयोग कहीं राह सही है ,
भक्ति की कहीं चाह बड़ी है,
जिसकी जैसी रही प्रकृत्ति ,
वैसा हीं निदान रहे।
किंचित कोई परिणाम रहे,
किंचित कोई परिणाम रहे।

अजय अमिताभ सुमन:
सर्वाधिकार सुरक्षित

Language: Hindi
1 Like · 468 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

पाया हमने आपका , सबका इतना प्यार
पाया हमने आपका , सबका इतना प्यार
Dr Archana Gupta
फूलों की महक से मदहोश जमाना है...
फूलों की महक से मदहोश जमाना है...
कवि दीपक बवेजा
मेरा देश विश्व गुरु
मेरा देश विश्व गुरु
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
जिंदगी आगाज है
जिंदगी आगाज है
Manoj Shrivastava
- ଓଟେରି ସେଲଭା କୁମାର
- ଓଟେରି ସେଲଭା କୁମାର
Otteri Selvakumar
बिगड़ी छोटी-छोटी सी बात है...
बिगड़ी छोटी-छोटी सी बात है...
Ajit Kumar "Karn"
हास्य - रायते का चक्कर
हास्य - रायते का चक्कर
Sudhir srivastava
प्यारी लगती है मुझे तेरी दी हुई हर निशानी,
प्यारी लगती है मुझे तेरी दी हुई हर निशानी,
Jyoti Roshni
ढलता वक्त
ढलता वक्त
प्रकाश जुयाल 'मुकेश'
तन्हाई से सीखा मैंने
तन्हाई से सीखा मैंने
Mohan Pandey
चलतें चलों
चलतें चलों
Nitu Sah
कितना प्यारा कितना पावन
कितना प्यारा कितना पावन
जगदीश लववंशी
माँ सरस्वती
माँ सरस्वती
Mamta Rani
आज़ादी
आज़ादी
विजय कुमार नामदेव
" यादें "
Dr. Kishan tandon kranti
भीम राव हैं , तारणहार मेरा।
भीम राव हैं , तारणहार मेरा।
Buddha Prakash
चेहरे पर लिए तेज निकला है मेरा यार
चेहरे पर लिए तेज निकला है मेरा यार
इंजी. संजय श्रीवास्तव
तुम गर मुझे चाहती
तुम गर मुझे चाहती
Lekh Raj Chauhan
*मतदान करें*
*मतदान करें*
नवल किशोर सिंह
वो समुन्दर..
वो समुन्दर..
Vivek Pandey
पुस्तक
पुस्तक
Sangeeta Beniwal
क्या पता मैं शून्य न हो जाऊं
क्या पता मैं शून्य न हो जाऊं
The_dk_poetry
https://j88tut.com
https://j88tut.com
j88tut
3120.*पूर्णिका*
3120.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*हमारा छत्तीसगढ़ महान है*
*हमारा छत्तीसगढ़ महान है*
Krishna Manshi
तन मन धन से लूटते,
तन मन धन से लूटते,
sushil sarna
"उतावलेपन" और "बावलेपन" में कोई ख़ास फ़र्क़ नहीं होता। दोनों "द
*प्रणय*
कुछ दूर और चली होती मेरे साथ
कुछ दूर और चली होती मेरे साथ
Harinarayan Tanha
पुरानी गली के कुछ इल्ज़ाम है अभी तुम पर,
पुरानी गली के कुछ इल्ज़ाम है अभी तुम पर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कितने ही गठबंधन बनाओ
कितने ही गठबंधन बनाओ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Loading...