— किस ने कहा –
मेरे शहर की फ़िजां
खराब है अब सुना
पर खराब कहाँ है
यह “किस ने कहा ”
दुश्मन बन गए हैं
हिन्दू और मुस्लिम
कल गले मिलते देखे मैने
यह तुम से “किस ने कहा ”
रास्ते में कांटे बो दिए
दिलों में जहर घोल दिए
आज भी मोहोब्बत को तरसते हैं
जहर दिल में बसा है
फिर यह “किस ने कहा ”
जिन्हे मोहोब्बत नहीं अमन से
जिन्हे मोहोब्बत न फ़िज़ा से
जिन के दिल हो गए हैं मैले
ऐसे लोगों से क्या लेना देना
यह प्यार दोस्ती के काबिल नहीं हैं
यह सब आज मैने कहा
अजीत कुमार तलवार
मेरठ