किस कलम की पुकार से पुकार लिखूंगा
कलम की पुकार से पुकार लिखूंगा ,
कभी तो मैं जिंदगी का सार लिखूंगा |
मोहब्बतों में कभी प्यार लिखूंगा
दोस्ती में दोस्ती को यार लिखूंगा |
निभा सको तो प्यार में प्यार तुम ,
प्यार में ,प्यार का करार लिखूंगा |
कुर्बानी को जब याद करें देश में कोई
भगत सिंह का फांसी का हार लिखूंगा |
कलम पर ना हो कोई बंदिशे कोई ,
कलम से मैं अब बेशुमार लिखूंगा |
✍कवि दीपक सरल