किस्सा हिंदी का
आओ बच्चों किस्सा सुनाऊं ,हिंदी के इतिहास का।
व्याकरण में बड़ा महत्त्व है , संधि और समास का।
हिंदी पढ़ेंगे,हिंदी लिखेंगे,
हिंदी को कभी भी हम, नहीं भूलेंगे।
हिंदी के इतिहास को, चार भागों में बांटा है।
आदि,भक्ति, रीति के बाद, आधुनिक आता है।
आदि गाता गीत वीर के, भक्ति में ईश बखाना है।
रीतिकाल में भूप महिमा,अब तो विभिन्न खज़ाना है।
सूरदास का वात्सल्य अच्छा, कबीरदास की साखियाँ।
तुलसी भक्ति बड़ी निराली, प्रेमचंद की कहानियां।
वर्णों से निर्माण शब्द का, शब्दों से वाक्यांश का।
व्याकरण में बड़ा महत्व है, संधि और समास का।
हिंदी पढ़ेंगे,हिंदी लिखेंगे,
हिंदी को कभी भी हम, नहीं भूलेंगे।
केशवदास की रामचंद्रिका, भूषण का छत्रसाल है।
सेनापति गए देखने, बागों का क्या हाल है।
रामचंद्र की चिंतामणि में, भावों का ही काम है।
महादेवी की यामा पर तो, ज्ञानपीठ का नाम है।
पंत-निराला कैसे छोड़ू, छाया के आधार है।
याद सरोज की गाथा तो, करुणा का पारावार है।
सब कवियों ने ध्यान रखा है, इसके स्वाभिमान का।
व्याकरण में बड़ा महत्त्व है, संधि और समास का।
हिंदी बोलेंगे, हिंदी लिखेंगे,
हिंदी को कभी हम , नहीं भूलेंगे।
शिवचरण मीना