किस्सा / सांग – # चापसिंह – सोमवती # अनुक्रमांक – 29 # & टेक – सभी राग चालकै गा दूंगी राजा के दरबार मै, गाणे और बजाणे आली नाचूं सरे बजार मै।
किस्सा / सांग – # चापसिंह – सोमवती # अनुक्रमांक – 29 #
वार्ता:-
सज्जनो! फिर नट कलाकार इन्कार कर देता है। और कहता है कि तुम हमारे साथ नहीं जा सकती हो क्यूकी तुम न तो गा सकती हो और न ही बजा सकती हो तथा न ही नाच सकती हो तो फिर उसकी बात सुनके सोमवती कहती है कि मै सब कुछ कर सकती हूँ तुम मुझे एक बार अपने साथ ले चलो और फिर सोमवती उन छः रागए 30 रागनीए साज तथा नाचने और गाने का वर्णन कैसे करती है।
जवाब:- सोमवती का। रागणी:- 29
सभी राग चालकै गा दूंगी राजा के दरबार मै,
गाणे और बजाणे आली नाचूं सरे बजार मै।। टेक।।
मालकोष, हिण्डोला, भैरू, श्रीराग, दीपक मल्हार
छः हूं राग याद मेरै गन्र्धफ की नीति चार,
सात सुरां मै नीति पामा धा नि षा और गंधार,
भैरवी बैरारी सिंधू माधवी बंगालिया,
तोड़ी टोडी गोरी, खम्भावती गुण कालिया,
राम कली ललित, पट्मंजरी, देश थालियां,
नैट कैनरा और बिलावल गाऊ देश किदार मै||
धन्नाश्री, मालवी, असांवरी, बसंत माल,
देरा कालि, कुंभ पहाड़ी, कश्मीरी का बुझै हाल,
भोपाली, मल्हारी तिलंका, गुजरी बतावै ताल,
हेमचंद कल्याण यमन, श्यामकला श्याम की,
मोहनी, सोहनी, चांदनी, अमीर सौरट नाम की,
जोगिमा, विभास शंकरा, शिवरंजनी शिवधाम की,
भीम प्लासी पंचम पिंगला, लुटी प्रितम प्यार मै।।
रणसिंहा, वायलिन, तमूरा, बिगूल और गिटार,
सारंगी हरमूनियम, शहनाई विणा सीतार,
इकतारा, दूतारा, बीण, बासंली मै सुर की मार,
तबला और नगाड़ा, ढोलक, पखावज और मृदंग,
डमरू ढप, खड़ताल, ताशा और मंजीरा चंग,
शंक तुर्री, घड़रावल, बजावण का जाणु ढंग,
पत्थर का पानी पिंघल के मिलकै गाऊं साज के तार मै।।
तीस किस्म के नाच बताएं झांक झावरा झुमरझूम,
सोहन कपूरी, गिधा भंगड़ा, डांडिया, भरतनाटूम,
जाणू लय सूरताल दादरा, ठुमरी ठप्पा ढुमर धूम,
सुंदर शान मधुर बाणी, अवस्था किशोर की,
शरीफ की शराफत, नजर पिछाणू मै चोर की,
राजेराम लुहारी आला पतंग बिना डोर की,
बावला जमाना होज्या, नांचूगी जिब कर सोला सिगांर मै।।