किस्सा कुर्सी का – राज करने का “राज”
ब्रितानियों से सीखा
लोगों को लड़ा दे
और कर ले राज
फिर “कूट कूट के लूट” ले
जब तक करते “राज” हों
खोट मिला के वोट बाँट दे
इस वोट की ग़ज़ब महिमा है
दल कोई भी हो सभी इसी
दलदल का हिस्सा हैं
राज करने का राज़ यही है
यही कुर्सी का क़िस्सा है
अतुल “कृष्ण”