Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Jun 2023 · 1 min read

किस्मत

हमारी आपकी किस्मत
कब कहां कैसे गुल खिलाएगी?
गुल खिलाने से पहले
कभी नजर तो नहीं आयेगी।
किस्मत का चाल चरित्र चेहरा
हम सब नहीं समझ सकते,
किस्मत के भरोसे हाथ पर हाथ रखे
भी तो नहीं रह सकते,
किस्मत को दोषी ठहराकर
गुमराह भी नहीं हो सकते।
किस्मत तो अपना काम कर ही रही है
हम अपना काम क्यों नहीं कर सकते?
माना कि किस्मत के खेल निराले हैं
किस्मत के खेल के साथ साथ
हम अपना खेल क्यों नहीं खेल सकते?
किस्मत अपने काम में मगशूल रहती है
तो हम निठल्ले बन कर रहें
और अच्छा बुरा किस्मत की बात है
यह भूलकर आगे क्यों नहीं बढ़ सकते?
किस्मत पलटना जब हमारे हाथ में है
तो किस्मत के साथ आंख मिचौली
हम भलाक्यों नहीं कर सकते?
किस्मत किस्मत रटते रटते जीवन भर
रोते तो नहीं रह सकते?

सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा उत्तर प्रदेश

Language: Hindi
311 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
चाहत
चाहत
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
आजकल के लोगों के रिश्तों की स्थिति पर चिंता व्यक्त करता है।
आजकल के लोगों के रिश्तों की स्थिति पर चिंता व्यक्त करता है।
पूर्वार्थ
शादीशुदा🤵👇
शादीशुदा🤵👇
डॉ० रोहित कौशिक
राम - दीपक नीलपदम्
राम - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
ईश्वर की कृपा दृष्टि व बड़े बुजुर्ग के आशीर्वाद स्वजनों की द
ईश्वर की कृपा दृष्टि व बड़े बुजुर्ग के आशीर्वाद स्वजनों की द
Shashi kala vyas
* यौवन पचास का, दिल पंद्रेह का *
* यौवन पचास का, दिल पंद्रेह का *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
प्रकृति ने चेताया जग है नश्वर
प्रकृति ने चेताया जग है नश्वर
Buddha Prakash
जलियांवाला बाग काण्ड शहीदों को श्रद्धांजलि
जलियांवाला बाग काण्ड शहीदों को श्रद्धांजलि
Mohan Pandey
ये संगम दिलों का इबादत हो जैसे
ये संगम दिलों का इबादत हो जैसे
VINOD CHAUHAN
तुम - हम और बाजार
तुम - हम और बाजार
Awadhesh Singh
ज़िंदगी उससे है मेरी, वो मेरा दिलबर रहे।
ज़िंदगी उससे है मेरी, वो मेरा दिलबर रहे।
सत्य कुमार प्रेमी
बदनाम गली थी
बदनाम गली थी
Anil chobisa
हिन्दीग़ज़ल में कितनी ग़ज़ल? -रमेशराज
हिन्दीग़ज़ल में कितनी ग़ज़ल? -रमेशराज
कवि रमेशराज
अबकी बार निपटा दो,
अबकी बार निपटा दो,
शेखर सिंह
चन्द्रयान उड़ा गगन में,
चन्द्रयान उड़ा गगन में,
Satish Srijan
वो जो कहें
वो जो कहें
shabina. Naaz
मैं मजदूर हूं
मैं मजदूर हूं
हरवंश हृदय
दिया एक जलाए
दिया एक जलाए
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*अभिनंदनों के गीत जिनके, मंच पर सब गा रहे (हिंदी गजल/गीतिका)
*अभिनंदनों के गीत जिनके, मंच पर सब गा रहे (हिंदी गजल/गीतिका)
Ravi Prakash
Rainbow on my window!
Rainbow on my window!
Rachana
आक्रोष
आक्रोष
Aman Sinha
एक बार नहीं, हर बार मैं
एक बार नहीं, हर बार मैं
gurudeenverma198
इधर उधर की हांकना छोड़िए।
इधर उधर की हांकना छोड़िए।
ओनिका सेतिया 'अनु '
कागज़ से बातें
कागज़ से बातें
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
फीका त्योहार !
फीका त्योहार !
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
गुनगुनाने यहां लगा, फिर से एक फकीर।
गुनगुनाने यहां लगा, फिर से एक फकीर।
Suryakant Dwivedi
dream of change in society
dream of change in society
Desert fellow Rakesh
रंगो ने दिलाई पहचान
रंगो ने दिलाई पहचान
Nasib Sabharwal
** पर्व दिवाली **
** पर्व दिवाली **
surenderpal vaidya
लोग टूट जाते हैं अपनों को मनाने में,
लोग टूट जाते हैं अपनों को मनाने में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...