Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Jul 2021 · 1 min read

किस्मत

हमे अपनों ने लुटा गैरो में दम कहां था।
मेरी किस्मत थी डुबी जहां मनी कम था।।
————–०————–
,✍️जय लगन कुमार हैप्पी ⛳

Language: Hindi
Tag: शेर
347 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सावन म वैशाख समा गे
सावन म वैशाख समा गे
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
प्यास
प्यास
sushil sarna
शादी की अंगूठी
शादी की अंगूठी
Sidhartha Mishra
तारों से अभी ज्यादा बातें नहीं होती,
तारों से अभी ज्यादा बातें नहीं होती,
manjula chauhan
नारी के सोलह श्रृंगार
नारी के सोलह श्रृंगार
Dr. Vaishali Verma
दफ़न हो गई मेरी ख्वाहिशे जाने कितने ही रिवाजों मैं,l
दफ़न हो गई मेरी ख्वाहिशे जाने कितने ही रिवाजों मैं,l
गुप्तरत्न
"दरअसल"
Dr. Kishan tandon kranti
■ कहानी घर-घर की।
■ कहानी घर-घर की।
*प्रणय प्रभात*
आज की पंक्तिजन्म जन्म का साथ
आज की पंक्तिजन्म जन्म का साथ
कार्तिक नितिन शर्मा
*शिक्षक*
*शिक्षक*
Dushyant Kumar
सन्मति औ विवेक का कोष
सन्मति औ विवेक का कोष
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
दुनियां में मेरे सामने क्या क्या बदल गया।
दुनियां में मेरे सामने क्या क्या बदल गया।
सत्य कुमार प्रेमी
खतरनाक आदमी / मुसाफ़िर बैठा
खतरनाक आदमी / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
क्या वैसी हो सच में तुम
क्या वैसी हो सच में तुम
gurudeenverma198
थोड़ा सच बोलके देखो,हाँ, ज़रा सच बोलके देखो,
थोड़ा सच बोलके देखो,हाँ, ज़रा सच बोलके देखो,
पूर्वार्थ
फूल को,कलियों को,तोड़ना पड़ा
फूल को,कलियों को,तोड़ना पड़ा
कवि दीपक बवेजा
3460🌷 *पूर्णिका* 🌷
3460🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
पुष्प
पुष्प
इंजी. संजय श्रीवास्तव
" आखिर कब तक ...आखिर कब तक मोदी जी "
DrLakshman Jha Parimal
** मुक्तक **
** मुक्तक **
surenderpal vaidya
गाँव कुछ बीमार सा अब लग रहा है
गाँव कुछ बीमार सा अब लग रहा है
Pt. Brajesh Kumar Nayak
मैं हमेशा अकेली इसलिए रह  जाती हूँ
मैं हमेशा अकेली इसलिए रह जाती हूँ
Amrita Srivastava
चंद्रयान ३
चंद्रयान ३
प्रदीप कुमार गुप्ता
तुम्हारी याद है और उम्र भर की शाम बाकी है,
तुम्हारी याद है और उम्र भर की शाम बाकी है,
Ankur Rawat
ताजा भोजन जो मिला, समझो है वरदान (कुंडलिया)
ताजा भोजन जो मिला, समझो है वरदान (कुंडलिया)
Ravi Prakash
संस्कृत के आँचल की बेटी
संस्कृत के आँचल की बेटी
Er.Navaneet R Shandily
🙏 *गुरु चरणों की धूल* 🙏
🙏 *गुरु चरणों की धूल* 🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
राजनीति और वोट
राजनीति और वोट
Kumud Srivastava
The unknown road.
The unknown road.
Manisha Manjari
हमे निज राह पे नित भोर ही चलना होगा।
हमे निज राह पे नित भोर ही चलना होगा।
Anamika Tiwari 'annpurna '
Loading...