Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Dec 2023 · 1 min read

किसी से भी

किसी से भी, कैसी भी तुलना से इंकार करना ।
जैसे हैं आप स्वयं को वैसे ही स्वीकार करना ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: शेर
5 Likes · 186 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all
You may also like:
‘निराला’ का व्यवस्था से विद्रोह
‘निराला’ का व्यवस्था से विद्रोह
कवि रमेशराज
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - १०)
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - १०)
Kanchan Khanna
2925.*पूर्णिका*
2925.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
इस बार मुकाबला दो झुंडों के बीच है। एक के सारे चेहरे एक मुखौ
इस बार मुकाबला दो झुंडों के बीच है। एक के सारे चेहरे एक मुखौ
*प्रणय*
"रस्सी"
Dr. Kishan tandon kranti
अक्षर-अक्षर हमें सिखाते
अक्षर-अक्षर हमें सिखाते
Ranjeet kumar patre
पत्तल
पत्तल
Rituraj shivem verma
बाल कविता: तितली रानी चली विद्यालय
बाल कविता: तितली रानी चली विद्यालय
Rajesh Kumar Arjun
दिव्य बोध।
दिव्य बोध।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
शिक्षक है  जो  ज्ञान -दीप  से  तम  को  दूर  करे
शिक्षक है जो ज्ञान -दीप से तम को दूर करे
Anil Mishra Prahari
🙏दोहा🙏
🙏दोहा🙏
राधेश्याम "रागी"
नव प्रबुद्ध भारती
नव प्रबुद्ध भारती
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
दोस्ती का सफर
दोस्ती का सफर
Tarun Singh Pawar
नवरात्रि
नवरात्रि
surenderpal vaidya
बेटियां
बेटियां
Surinder blackpen
यादें मोहब्बत की
यादें मोहब्बत की
Mukesh Kumar Sonkar
किस्मत भी न जाने क्यों...
किस्मत भी न जाने क्यों...
डॉ.सीमा अग्रवाल
उस दर पर कोई नई सी दस्तक हो मेरी,
उस दर पर कोई नई सी दस्तक हो मेरी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Environment
Environment
Neelam Sharma
शीर्षक: पापी मन
शीर्षक: पापी मन
Harminder Kaur
एक एहसास
एक एहसास
Dr fauzia Naseem shad
जीत हमेशा सत्य और न्याय की होती है, भीड़ की नहीं
जीत हमेशा सत्य और न्याय की होती है, भीड़ की नहीं
Sonam Puneet Dubey
मुक्तक
मुक्तक
गुमनाम 'बाबा'
अपने भाई के लिये, बहन मनाती दूज,
अपने भाई के लिये, बहन मनाती दूज,
पूर्वार्थ
I'm not proud
I'm not proud
VINOD CHAUHAN
मैं जिस तरह रहता हूं क्या वो भी रह लेगा
मैं जिस तरह रहता हूं क्या वो भी रह लेगा
Keshav kishor Kumar
क्या हुआ गर तू है अकेला इस जहां में
क्या हुआ गर तू है अकेला इस जहां में
gurudeenverma198
उनको मंजिल कहाँ नसीब
उनको मंजिल कहाँ नसीब
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
जिज्ञासा
जिज्ञासा
Neeraj Agarwal
*
*"माँ कात्यायनी'*
Shashi kala vyas
Loading...