Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Jan 2024 · 1 min read

*किसी से भीख लेने से, कहीं अच्छा है मर जाना (हिंदी गजल)*

किसी से भीख लेने से, कहीं अच्छा है मर जाना (हिंदी गजल)
——————————————–
1)
किसी से भीख लेने से, कहीं अच्छा है मर जाना
किसी से भीख लेने मत, इधर जाना उधर जाना
2)
परिस्थितियॉं सदा से ही, सभी प्रतिकूल पाते हैं
जगत का देख यह कटु-क्रम, मगर अनुचित है डर जाना
3)
मनुजता की निशानी है, सदा व्यवहार सहृदय हो
किसी का कष्ट देखो तो, मन करुणा से भर जाना
4)
जो सच का साथ पकड़े हैं, उन्हें ईश्वर बचाता है
वैतरणी मिली यदि तो, सहज ही उसको तर जाना
5)
किसी का भाग्य अच्छा है, किसी का है बुरा लेकिन
तुम्हारे हाथ में हैं कर्म, अच्छे कर्म कर जाना
—————————————–
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

387 Views
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

ब्रांड. . . .
ब्रांड. . . .
sushil sarna
👌2029 के लिए👌
👌2029 के लिए👌
*प्रणय*
कोहरा काला घना छट जाएगा।
कोहरा काला घना छट जाएगा।
Neelam Sharma
कामयाबी का
कामयाबी का
Dr fauzia Naseem shad
मई दिवस
मई दिवस
Neeraj Agarwal
4315💐 *पूर्णिका* 💐
4315💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
तुम आए कि नहीं आए
तुम आए कि नहीं आए
Ghanshyam Poddar
आशीष राम का...
आशीष राम का...
इंजी. संजय श्रीवास्तव
వచ్చింది వచ్చింది దసరా పండుగ వచ్చింది..
వచ్చింది వచ్చింది దసరా పండుగ వచ్చింది..
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
*एकलव्य*
*एकलव्य*
Priyank Upadhyay
प्लास्टिक की गुड़िया!
प्लास्टिक की गुड़िया!
कविता झा ‘गीत’
लोगों के साथ सामंजस्य स्थापित करना भी एक विशेष कला है,जो आपक
लोगों के साथ सामंजस्य स्थापित करना भी एक विशेष कला है,जो आपक
Paras Nath Jha
आज के इस हाल के हम ही जिम्मेदार...
आज के इस हाल के हम ही जिम्मेदार...
डॉ.सीमा अग्रवाल
प्रीत के गीत..
प्रीत के गीत..
Vivek Pandey
जन्माष्टमी विशेष - फिर जन्म लेना
जन्माष्टमी विशेष - फिर जन्म लेना
Sudhir srivastava
किसी को जिंदगी लिखने में स्याही ना लगी
किसी को जिंदगी लिखने में स्याही ना लगी
डॉ. दीपक बवेजा
"" *मन तो मन है* ""
सुनीलानंद महंत
"फल की आस मत रखें"
Ajit Kumar "Karn"
दीदार ए चांद
दीदार ए चांद
Akash RC Sharma
जहाँ जहाँ कोई उर्दू ज़बान बोलता है।
जहाँ जहाँ कोई उर्दू ज़बान बोलता है।
इशरत हिदायत ख़ान
संवेदना ही हमारी इन्सानियत है,
संवेदना ही हमारी इन्सानियत है,
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
उठ जाग मेरे मानस
उठ जाग मेरे मानस
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Gujarati Urmikavya & Gujarati kavita, poetry of famous poets | Rekhtagujarati
Gujarati Urmikavya & Gujarati kavita, poetry of famous poets | Rekhtagujarati
Gujarati literature
ये शिकवे भी तो, मुक़द्दर वाले हीं कर पाते हैं।
ये शिकवे भी तो, मुक़द्दर वाले हीं कर पाते हैं।
Manisha Manjari
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
सत्य
सत्य
Ruchi Sharma
* आत्म संतुष्टि *
* आत्म संतुष्टि *
Vaishaligoel
सर्पीली सड़क
सर्पीली सड़क
अरशद रसूल बदायूंनी
अधूरे ख्वाब
अधूरे ख्वाब
ओनिका सेतिया 'अनु '
“मिल ही जाएगा”
“मिल ही जाएगा”
ओसमणी साहू 'ओश'
Loading...