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18 Aug 2016 · 1 min read

किसी से कोई खतरा ही नहीं है

किसी से कोई खतरा ही नहीं है
हमें जीने का चस्का ही नहीं है

लड़ाई है ! ये प्यासों की लड़ाई
यहाँ पानी का झगड़ा ही नहीं है

उसी को इश्क़ का रंग बोलते हैं
जो चढ़ता है उतरता ही नहीं है

उधर जाते हैं सब रस्ते’ उधर से
इधर का कोई रस्ता ही नहीं है

अकेले खुद ही रो लेते है़ं ‘नासिर’
कोई हमसे लिपटता ही नहीं है

– नासिर राव

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