किसी भी रूप में ढ़ालो ढ़लेगा प्यार से झुककर किसी भी रूप में ढ़ालो ढ़लेगा प्यार से झुककर अगर लोहा सुहाती आग में तपकर गला होगा आर.एस.’प्रीतम’