‘किसी बहाने से आना’,चले आना..
तुझे देखती हूं जब जब
प्यार बढ़ता है तब तब,
एक हल्का सा एहसास
तेरे स्पर्श का
जाने क्यों मेरे मन में
उठ सा जाता है,
पास आते ही तेरे
बस तुझे जी भर
देखते रहने का मन करता है,
यह कौन सी कशिश है
जो मुझे तेरी ओर
बार बार खींच लेती है,
इस भंवर में
मैं फँसती ही चली जाती हूँ,
किसी बहाने से ही आना जानां
चले आना मेरी जिंदगी में ऐसे
जिस्म में जान बसी हो जैसे।