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17 Aug 2022 · 1 min read

किसी दिन

चलो किसी दिन सितारों पे सफर करते है
ये जिंदगी नए सिरे से बसर करते है

बहुत हुयी मसरूफियते अब तमाम करो
आओ एक शाम तो फुर्सत से बसर करते है

चलो ऐसी जगह जहां ना कोई ग़म आए
सुनो जाके हम बहारो को ये खबर करते है

बहुत दिनों में वापस आया है वो ही मौसम
चलो ना फिर वो ही शामों सहर करते है

खुशियाँ ही खुशियाँ हो खुशियो का वो ही आलम हो
खिलखिलाता हुआ फिर वो ही गुले गुलजार करते है,,
Shabina naaZ

Language: Hindi
233 Views
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