किसी दिन भाग्य बदलेगा _
(१)
सोचता ही रहा मैं तो किसी दिन भाग्य बदलेगा।
गुजरा कष्ट से जीवन कभी न कभी तो संवरेगा।।
आशा _ ओर निराशा के भंवर में गोते खाता हूं।
तैरना सीख रहा हूं जी यह जीवन पार उतरेगा।।
(२)
पीड़ा होती है सबको_ चोंट जब _ जब भी लगती है।
काम छूटे न फिर भी तो जिंदगी_ तब भी भगती है।।
काम बिन काम नहीं चलता_काम से पेट पलता है। जिंदगियां कितनी ही जग में _रात में भी जगती है।।
राजेश व्यास अनुनय