Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Sep 2021 · 2 min read

किसी तरह….

किसी तरह….
########

मेरा ये जीवन
यूॅं ही कट जाए
किसी भी तरह…..
किसी न किसी तरह
कष्ट तो बहुत सारे हैं….
जिसे हम सह नहीं पाते हैं
पर ईश्वर से यही प्रार्थना है कि
दे दो हम सबको ऐसा वरदान
जिस असीम शक्ति के सहारे
हॅंसते-हॅंसते सह जाएं हम
उन सारे ही कष्टों को
किसी भी तरह….
किसी तरह…..

जीवन के
हरेक क्षेत्र में
हर मोड़ पे ही
धन लोलुप मानव
कुंडली मारे बैठे हैं
बस, इसी इंतजार में कि
कोई भी सरल, सीधा इंसान
संयोगवश उसके पाले में आएगा
वो उसे अच्छे से गिरफ़्त में लेकर
उससे कुछ मनचाहा करवाएगा
बस इन्हीं सब बातों से सदैव
घबरा जाता है मेरा ये दिल
और यह सोचने पर मुझे
विवश कर देता है कि
कट जाए ये जीवन
छुटकारा मिल जाए
इन बेईमानों की
गंदी टोलियों से
किसी भी तरह…
किसी तरह….

तनिक
शोर भी
मचा नहीं सकता
जब ऐसे बेईमानों से
कुछ पाला पड़ जाए…..
तनिक शोर जो मचाऊं तो….
कोई भी नहीं सुननेवाला…..
जो कोई भी बचाने आता…..
लाखों सवालात वो कर जाता
फिर, बेईमानों से ही मिल जाता
हमें ही कटघरे में खड़ा कर जाता
इन सारी बातों को सोच-सोचकर
मेरे अंतर्मन में ये प्रश्न सदा ही
ज्वालामुखी की तरह उठता
खुद को झकझोरता रहता
और खुद को ही समझाता
कि इस नश्वर संसार में
गुज़र – बसर कर पाऊं
इन गंदी मानसिकता से
जूझने की शक्ति पाऊं
सबका भला कर जाऊं
कुछ ख़ास कर पाऊं
कुछ नाम कर जाऊं
किसी भी तरह….
किसी तरह….

स्वरचित एवं मौलिक ।
सर्वाधिकार सुरक्षित ।
अजित कुमार “कर्ण” ✍️✍️
किशनगंज ( बिहार )
दिनांक : 24 सितंबर, 2021.
“”””””””””””””””””””””””””””””””””
??????????

Language: Hindi
5 Likes · 2 Comments · 765 Views

You may also like these posts

*वह भाग्यहीन हैं महिलाऍं, पति की चेरी कहलाती हैं (राधेश्यामी
*वह भाग्यहीन हैं महिलाऍं, पति की चेरी कहलाती हैं (राधेश्यामी
Ravi Prakash
जनदृष्टि संस्थान, बदायूँ द्वारा
जनदृष्टि संस्थान, बदायूँ द्वारा "राष्ट्रीय उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान-2024" से सम्मानित हुए रूपेश
रुपेश कुमार
हिरनगांव की रियासत
हिरनगांव की रियासत
Prashant Tiwari
देशभक्ति एवं राष्ट्रवाद
देशभक्ति एवं राष्ट्रवाद
Shyam Sundar Subramanian
आप खुद का इतिहास पढ़कर भी एक अनपढ़ को
आप खुद का इतिहास पढ़कर भी एक अनपढ़ को
शेखर सिंह
संस्कारी बड़ी - बड़ी बातें करना अच्छी बात है, इनको जीवन में
संस्कारी बड़ी - बड़ी बातें करना अच्छी बात है, इनको जीवन में
Lokesh Sharma
आजकल की पीढ़ी अकड़ को एटीट्यूड समझती है
आजकल की पीढ़ी अकड़ को एटीट्यूड समझती है
Sonam Puneet Dubey
जब प्रेम की परिणति में
जब प्रेम की परिणति में
Shweta Soni
*** आकांक्षा : एक पल्लवित मन...! ***
*** आकांक्षा : एक पल्लवित मन...! ***
VEDANTA PATEL
खुश वही है जिंदगी में जिसे सही जीवन साथी मिला है क्योंकि हर
खुश वही है जिंदगी में जिसे सही जीवन साथी मिला है क्योंकि हर
Ranjeet kumar patre
"एक किताब"
Dr. Kishan tandon kranti
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
कंडक्टर सा हो गया, मेरा भी किरदार
कंडक्टर सा हो गया, मेरा भी किरदार
RAMESH SHARMA
इतना तो करना स्वामी
इतना तो करना स्वामी
अमित कुमार
ऐसे थे पापा मेरे ।
ऐसे थे पापा मेरे ।
Kuldeep mishra (KD)
घर और घर की याद
घर और घर की याद
डॉ० रोहित कौशिक
लीजिए प्रेम का अवलंब
लीजिए प्रेम का अवलंब
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
तुम आए कि नहीं आए
तुम आए कि नहीं आए
Ghanshyam Poddar
जय माँ शारदे🌹
जय माँ शारदे🌹
Kamini Mishra
प्रलोभन
प्रलोभन
Rajesh Kumar Kaurav
विचार
विचार
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
जिसकी जिससे है छनती,
जिसकी जिससे है छनती,
महेश चन्द्र त्रिपाठी
जीवन में ईनाम नहीं स्थान बड़ा है नहीं तो वैसे नोबेल , रैमेन
जीवन में ईनाम नहीं स्थान बड़ा है नहीं तो वैसे नोबेल , रैमेन
Rj Anand Prajapati
हिंदी दोहे - भविष्य
हिंदी दोहे - भविष्य
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
करुण पुकार
करुण पुकार
Pushpa Tiwari
23/05.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
23/05.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
स्पंदन
स्पंदन
Shekhar Deshmukh
रोला छंद
रोला छंद
sushil sarna
हमने माना कि हालात ठीक नहीं हैं
हमने माना कि हालात ठीक नहीं हैं
SHAMA PARVEEN
जब में थक जाता और थककर रुक जाना चाहता , तो मुझे उत्सुकता होत
जब में थक जाता और थककर रुक जाना चाहता , तो मुझे उत्सुकता होत
पूर्वार्थ
Loading...