किसी को दिखें ना
दिल पर लगी चोट किसी को दिखें ना,
अन्दर लगा जो रोग किसी को दिखें ना।
बाहरो देख के अंदाजा लगाना औखा है,
के दिल अन्दरली खोट किसी को दिखें ना।
फ़कीर होना यारों कोई आसान कार्य नहीं,
होती सिर पर जो ओट किसी को दिखें ना ।
विच्छोड़ी ना ओह रब्बा तूं मां किसी बच्चे की,
मां बिन विलखते बोट किसी को दिखें ना ।
बाहर तो फट्टा लगा है यारों ईमानदारी का,
पर अंदर चलते जो नोट किसी को दिखें ना।
गिल्ल साध दवे उपदेश लोगों को सादगी का,
पर आप लगाऐ छत्ती भोग किसी को दिखें ना।
मनदीप गिल्ल धड़ाक