किसी को खुशी दे!
किसी को तुम खुशी दे सको एक पल की । ऐसा कर्म करते चलो , क्योंकि खबर नही पल की। पत्थर को पूजते , पूजते हो गया पत्थर दिल।जिस राह पर वास था ईश्वर का,उस पर चल। क्यों पत्तों पत्तों पर फिरता है।सुख की चाह में हमेशा भटकता है।लिये फिर रहा ज्ञान का भण्डार।पर!आज तक नही पहुंच सका ईश्वर के द्वारा।