किसी के लिए यादों का मौसम बेमिसाल लाती है
किसी के लिए यादों का मौसम बेमिसाल लाती है
किसी के लिए ये बारिश जीवन का काल लाती है
तुम पुख्ता क्यों नही करते सुखी जमीन का इंतजाम
ये दरिया सैलाब तो हर साल लाती है
ये मौतों का मंजर देखो और हुकुमतों से पुछो
ये सैलाब अपने साथ तबाही ही नही कई सवाल लाती है
इन आफतों का जिम्मेदार कौन जबाब कौन देगा
इस सवाल कि नजरअंदाजी ही बवाल लाती है
जिनके झोले मे वादे हैं बांटने के लिए
उनके लिए ये सैलाब मौंका मालामाल लाती है
तनहा यही तमाशा देख देख कर बडे़ हुए हैं हम
सियासत हर कमाल के उपर एक कमाल लाती है