किसी की याद
हर साँझ तहरा प्रीत में पागल रहे गजल
सूरज लेखा तलाब में डूबल रहे गजल
जइसे कि बूँद ओस के देहिया प दूब के
आँखी से लेके गाल तक फइलल रहे गजल
देखिहा कबो तू चाँद के हमरा निगाह से
कहब$ कि आसमान में सूतल रहे गजल
आन्ही रहे कि याद रहे काल्ह रात भर
महुआ के लेखा तकिया पे चूवल रहे गजल
लिख पढ़के दिल हमार ई आखर अढ़ाई गो
एतना हँसल कि देखके रोवल रहे गजल